Bihar Honeymoon officer: बिहार के बीडीओ पर गंभीर आरोप लगे हैं। बीडीओ पर आरोप लगा है कि वो 23 मुखियाओं से घूस लेकर अपनी दूसरी शादी का रिसेप्शन पार्टी दी है। वहीं अब इस मामले के सामने आते ही जांच शुरु कर दी गई है। बीडीओ साहब को शो कॉज भी जारी किया गया है। वहीं इन सब से अलग बीडीओ का कहना है कि उन पर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियादी है।
BDO पर लगे हैं कई आरोप
दरअसल, पूर्णिया जिले के बनमनखी प्रखंड के बीडीओ सरोज कुमार पर गंभीर आरोप लगे हैं। आरोप है कि उन्होंने मनरेगा योजना के तहत मजदूरों के बैंक खातों में जाने वाले 1.03 करोड़ रुपए को ठेकेदारों के खातों में ट्रांसफर कर दिया। कथित तौर पर उन्होंने 23 मुखिया से इंदिरा आवास के नाम पर भी पैसे ऐंठे हैं।
'हनीमून वाले' बीडीओ के नाम से मशहूर
बीडीओ सरोज कुमार को स्थानीय लोग 'हनीमून वाले बीडीओ' के नाम से जानते हैं, क्योंकि वह अधिकतर समय ऑफिस से बाहर रहते हैं। उन पर पहले भी कई बार पैसे उगाही के आरोप लग चुके हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि वो अपनी परेशानी लेकर जब भी बीडीओ साहब के यहां जाते हैं तो उन्हें निराशा ही हाथ लगती है। बीडीओ साहब कभी भी अपने ऑफिस में नहीं रहते हमेशा वो टूर पर ही निकले होते हैं। जिससे वहां के लोग उन्हें हनीमून वाले बीडीओ कहते हैं।
मुखियाओं से लिए 40 लाख रुपए
वहीं ये भी आरोप है कि बीडीओ ने अपनी दूसरी शादी के लिए बनमनखी के लगभग 23 मुखियाओं से इंदिरा आवास योजना के नाम पर 40 लाख रुपए लिए थे। इसमें से किसी ने 1 लाख, 1.5 लाख तो किसी ने 2 लाख रुपए तक दिए। यह पैसा उन्होंने अपनी दूसरी शादी के समय लिया था। उसी से उन्होंने अपनी रिसेप्शन पार्टी की थी। BDO ने अभी तक वह पैसे नहीं लौटाए हैं। मनरेगा योजना के तहत हुए काम में मजदूरों की जगह जेसीबी का इस्तेमाल किया गया। मजदूरों का कहना है कि उन्हें कम मजदूरी मिली और उन्हें अपनी मेहनत का पूरा पैसा नहीं मिला। जो काम 40 मजदूरों के द्वारा होना था उसके 7,8 मजदूरों से ही करा लिया गया।
बीडीओ का दावा
दूसरी ओर, बीडीओ सरोज कुमार ने सभी आरोपों को खारिज किया है और कहा कि उनके खिलाफ साजिश की जा रही है। पंचायती राज पदाधिकारी ने इस मामले में बीडीओ से स्पष्टीकरण मांगा है। जांच के बाद दोषी पाए जाने पर बीडीओ के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बताया जा रहा है कि बीडीओ ने दो शादी की है। बीडीओ के पहली पत्नी मधेपुरा तो दूसरी पत्नी बीडीओ आवास में रहती है।
जानिए क्या है पूरा मामला
गौरतलब हो कि, 20 दिसंबर को विभागीय ऑडिटर विकास कुमार ने पंचायत समिति के दस्तावेजों की जांच के दौरान एक बड़ी गड़बड़ी का खुलासा किया। जांच में पाया गया कि जनवरी से मार्च 2024 के बीच 15वीं वित्त योजना के तहत ₹1 करोड़ 3 लाख 55 हजार की राशि अग्रिम भुगतान (एडवांस) के रूप में निकाली गई।
विभागीय निर्देशों का उल्लंघन
विभागीय निर्देश के अनुसार, योजना के तहत एडवांस पेमेंट की प्रक्रिया समाप्त कर दी गई है। इसके बावजूद, BDO ने यह राशि वेंडरों या मजदूरों के खाते में भेजने के बजाय सीधे ठेकेदारों के खातों में ट्रांसफर कर दी। जांच में यह भी सामने आया कि 15वीं वित्त योजना के तहत किए गए एडवांस भुगतान की कई योजनाएं अभी तक शुरू नहीं हुई हैं। इसके अलावा, पहले से जारी कई योजनाएं, जिन्हें एडवांस पेमेंट मिल चुका है, अब तक पूरी नहीं हो सकी हैं।
BDO को शोकॉज नोटिस जारी
गड़बड़ी को लेकर 23 दिसंबर को जिला पंचायत राज पदाधिकारी ने BDO को शोकॉज नोटिस जारी किया। नोटिस में BDO से तीन दिनों के भीतर जवाब मांगा गया है। बताया जा रहा है कि बीडीओ द्वारा भेजा गया जवाब भी आधा अधूरा था। इस मामले में अब विभाग बीडीओ पर कड़ी कार्रवाई कर सकती है।