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Train Cancelled : पटना गया रेलखंड पर ट्रेनों के रूट बदलाव से हकलान हो रहे यात्री, चाकंद में यात्री सुविधाओं का टोटा, रेलवे की लापरवाही से यात्रियों की बड़ी परेशानी

गया रेलवे जंक्शन के विस्तारीकरण को लेकर रेलवे द्वारा कई ट्रेनों का रूट में बदलाव किया गया है। वहीं गया पटना रेलखंड की कई ट्रेनों को रद्द कर किया गया है। गया से पटना जाने वाले यात्रियों के लिए महज चार ट्रेन की सुविधा दी गई है। वो भी पटना से चलकर चाकं

हलकान रहे यात्री
हलकान रहे यात्री- फोटो : Social Media

GAYA - गया रेलवे जंक्शन के विस्तारीकरण को लेकर रेलवे द्वारा कई ट्रेनों का रूट में बदलाव किया गया है। वहीं गया पटना रेलखंड की कई ट्रेनों को रद्द कर किया गया है। गया से पटना जाने वाले यात्रियों के लिए महज चार ट्रेन की सुविधा दी गई है। वो भी पटना से चलकर चाकंद स्टेशन तक हीं पहुंच पाएगी। गया से पटना की ओर जाने वाले यात्रियों के लिए गया से नहीं खुलकर बल्कि चाकंद स्टेशन से पटना के लिए ट्रेन मिलेगा। चाकंद स्टेशन से पटना और पटना से चाकंद स्टेशन तक के लिए चार मेमू ट्रेन यात्रियों के सुविधा के लिए दिया गया है। रेलवे के अनुसार ये सिलसिला आगामी 7 दिसंबर तक चलेगा। 

रेलवे द्वारा चाकंद स्टेशन को ट्रेन का ठहराव का केंद्र तो बना दिया गया। मगर यात्रियों के सुविधा को लेकर कोई कार्य नहीं किया गया। रविवार से चाकंद स्टेशन से मेमू ट्रेनों का परिचालन शुरू किया गया है। मगर यात्री सुविधाओं का घोर अभाव देखा गया। सबसे बड़ी समस्या तो देखी गई कि गया से ऑटो के माध्यम से लोग पटना के लिए ट्रेन पकड़ने चाकंद तो आ रहे थे। मगर यहां के व्यवस्था से सभी यात्री हकलान हो रहे थे। यात्रियों को न तो समयानुसार टिकट मिल पा रही थी और न कोई रेलवे के अधिकारी किसी को कुछ सही जानकारी दे रहे थे। स्टेशन परिसर में न तो साफ सफाई की समुचित व्यवस्था थी और न हीं पेयजल शौचालय आदि मूलभूत सुविधाओं का। फलस्वरूप यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। 

गया से ऑटो के माध्यम से पटना के लिए ट्रेन पकड़ने आए मो खालिद ने अपनी समस्या बताते हुए बताया कि पहले गया स्टेशन गए। वहां से जानकारी मिली तो ऑटो से चाकंद पहुंचे। मगर यहां पहुंचने पर घंटों से टिकट काउंटर पर खड़े हैं। कोई न तो टिकट देने वाला है और न हीं कोई कुछ बताने के लिए तैयार है।

वहीं बोधगया निवासी श्रवण कुमार ने बताया कि रेलवे ने यात्रियों के साथ बहुत बड़ी नाइंसाफी की है। यहां तीन घंटे से टिकट काउंटर पर खड़े हैं पर कोई नहीं है। रेलवे स्टेशन के अधिकारियों से पूछने पर बेतुका जवाब मिल रहा है। आधा से अधिक यात्री मजबूरी में बगैर टिकट यात्रा करने के लिए मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि यहां अधिकारियों के लापरवाही और मनमानी से टिकट नहीं मिल रहा है और बगैर टिकट पटना पहुंचने पर स्टेशन पर टीटीई के दादागिरी को झेलना पड़ेगा। फाइन की जाएगी वो अलग से।

वहीं चाकंद के स्थानीय निवासी और झारखंड सरकार के अवकाश प्राप्त प्रखंड विकास पदाधिकारी सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि रेलवे द्वारा लिया गया एकाएक फैसले से एक तो यात्रियों को परेशानी हो हीं रही है। वहीं चाकंद स्टेशन पर टिकट काउंटर पर पदस्थापित अधिकारी और स्टेशन अधीक्षक की घोर लापरवाहीं से यात्रियों की परेशानी दुगनी हो गई है। उन्होंने बताया कि न तो स्टेशन के साफ सफाई की समुचित व्यवस्था की गई है और न हीं पेयजल शौचालय आदि मूलभूत सुविधाओं की।

रेलवे का राजस्व तो बढ़ा मगर यात्री सुविधाओं का टोटा :-

रेलवे सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रविवार से चाकंद से पटना के लिए चार मेमू ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है। जिसके बाद चाकंद स्टेशन का राजस्व दुगना हो गया है। पहले प्रतिदिन 4000 से 7000 का राजस्व वसूली होता था। मगर रविवार को 19000 और सोमवार को 25000 की राजस्व वसूली हुए है। बाबजूद रेलवे की ओर से यात्री सुविधाओं के नाम पर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया गया है। न तो यात्रियों के रूकने ठहरने का कोई विशेष व्यवस्था की गई है और न विशेष टिकट काउंटर का। जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

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