टेस्टोस्टेरोन (Testosterone) एक प्रमुख हार्मोन है, जो मुख्य रूप से पुरुषों के शरीर में पाया जाता है। यह हार्मोन न केवल पुरुषों की यौन क्षमता और ताकत बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, बल्कि महिलाओं के लिए भी बेहद ज़रूरी है।
टेस्टोस्टेरोन का महत्व
यह हार्मोन मुख्य रूप से अंडकोष, अंडाशय और अधिवृक्क ग्रंथियों (adrenal glands) में बनता है। यह पुरुषों के यौन कार्यों, मांसपेशियों की ताकत, हड्डियों के घनत्व, चेहरे के बाल और आवाज की गहराई को नियंत्रित करता है। महिलाओं में, टेस्टोस्टेरोन की मात्रा कम होती है, लेकिन यह हड्डियों की मजबूती और मांसपेशियों के विकास में योगदान देता है।
शरीर में टेस्टोस्टेरोन का स्तर
पुरुषों और महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन का सामान्य स्तर अलग-अलग होता है:
पुरुषों में:
सामान्य टेस्टोस्टेरोन स्तर 300 से 1000 नैनोग्राम प्रति डेसीलिटर (एनजी/डीएल) के बीच होता है।
20-24 वर्ष: 409-558 एनजी/डीएल
25-29 वर्ष: 413-575 एनजी/डीएल
30-34 वर्ष: 390-498 एनजी/डीएल
महिलाओं में:
सामान्य स्तर 15-17 एनजी/डीएल होता है, जो मासिक धर्म चक्र के आधार पर बदल सकता है।
टेस्टोस्टेरोन की कमी के लक्षण
शरीर में टेस्टोस्टेरोन की कमी के कारण कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं: यौन इच्छा में कमी, मांसपेशियों का कमजोर होना, बालों का झड़ना, थकान और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, मूड स्विंग और अवसाद
अधिक टेस्टोस्टेरोन के लक्षण
अगर शरीर में टेस्टोस्टेरोन की मात्रा अधिक हो जाए, तो इसके परिणामस्वरूप: आक्रामकता और मूड स्विंग, बांझपन, मुंहासे और त्वचा समस्याएं, हृदय रोग का खतरा
स्वस्थ स्तर बनाए रखने के उपाय
शरीर में हार्मोन का संतुलन बनाए रखने के लिए एक स्वस्थ जीवनशैली जरूरी है। नियमित व्यायाम करें। पौष्टिक आहार का सेवन करें। अत्यधिक तनाव से बचें।
निष्कर्ष
टेस्टोस्टेरोन पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए महत्वपूर्ण हार्मोन है। इसके सामान्य स्तर को बनाए रखना शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। किसी भी समस्या का अनुभव होने पर डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।