अति वर्षा और मेघगर्जन को लेकर अलर्ट जारी, बिहार में कहर बनकर टूटेगी बारिश और बाढ़, इन जिलों को लिए चेतावनी जारी
Bihar Weather: बिहार इस वक़्त जलप्रलय की चपेट में है। बारिश का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा और गंगा की धार लोगों की ज़िंदगियों को निगलने पर आमादा है।

Bihar Weather:बिहार पर एक बार फिर आसमानी आफ़त ने अपने साये फैला दिए हैं। रूह कंपा देने वाली बारिश, बिजली की गड़गड़ाहट और गंगा की उफनती लहरें इस हफ़्ते राज्यवासियों के लिए एक भयावह मंजर लेकर आई हैं। मौसम विभाग ने पहले ही सूचना दी है कि 7, 8 और 9 अगस्त को राज्यभर में तेज बारिश होगी, और अब वह इत्तिला हक़ीक़त में तब्दील हो रही है।
गुरुवार को सुपौल, अररिया, रोहतास, औरंगाबाद और कैमूर जैसे ज़िलों में अति भारी वर्षा की चेतावनी जारी की गई है। वहीं पटना और उसके आसपास के इलाक़ों में बुधवार को उमस और बादलों की चहलकदमी ने लोगों को बेचैन कर रखा था। राजधानी पटना में अधिकतम तापमान 32.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि शेखपुरा 34.4 डिग्री के साथ सबसे गर्म रहा।
राज्य के 16 ज़िलों में तापमान में वृद्धि के साथ ही बारिश की भविष्यवाणी ने जनता की पेशानी पर बल डाल दिए हैं। दक्षिण बिहार के इलाक़ों में वज्रपात, तेज़ हवाओं और मेघगर्जन की आशंका के चलते येलो अलर्ट जारी किया गया है। हवा की गति 30 से 40 किलोमीटर प्रतिघंटा तक पहुंचने का अंदेशा जताया गया है।
खगड़िया, पूर्णिया, कटिहार, सहरसा, मधेपुरा, जमुई और वैशाली जैसे ज़िलों में एक-दो स्थानों पर वर्षा की संभावना बताई गई है। उत्तर बिहार में भी मेघगर्जन और वज्रपात का डर सताने लगा है।
सबसे ज़्यादा तबाही की तस्वीरें पटना ज़िले से सामने आ रही हैं, जहां गंगा का रौद्र रूप अब जानलेवा होता जा रहा है। गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि से महावीर घाट, भद्र घाट, बुदेलटोली घाट के पास संपर्क पथ पानी में डूब गए हैं। पाथवे लिंक रोड पर तीन से चार फीट पानी चढ़ जाने के कारण सुरक्षा की दृष्टि से वाहनों का परिचालन रोक दिया गया है।
एसडीओ सत्यम सहाय ने स्वयं बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा किया और हालात का जायज़ा लेते हुए कई क्षेत्रों में बैरिकेडिंग कर आवागमन पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया। भद्र घाट से अशोक रपजथ को जोड़ने वाले मार्ग को भी बंद कर दिया गया है।
पटना के मनेर, दानापुर, पटना सदर, बाढ़ और मोकामा प्रखंडों में बाढ़ की विभीषिका फैल चुकी है। गंगा की उफनती लहरों ने कई गांवों को अपनी चपेट में ले लिया है, जिससे लगभग पचास हज़ार की आबादी प्रभावित बताई जा रही है। प्रशासन ने राहत कार्य शुरू करते हुए 35 नावें उपलब्ध कराई हैं और सभी ज़िम्मेदार अधिकारियों को चौकस रहने के निर्देश दिए गए हैं।
डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर पीड़ितों से संवाद किया। उन्होंने मीनार घाट, कुर्जी, बिंदटोली और दीघा पाटीपुल तक का मुआयना कर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की कार्यवाही तेज़ करने को कहा।
दानापुर के दियारा क्षेत्र में तो हालात और भी संगीन हो चले हैं। लोग अपने मवेशियों, सामान और बच्चों के साथ पलायन कर रहे हैं। कोई बलदेव स्कूल में शरण ले रहा है, तो कोई रिश्तेदारों के घर की पनाह में पहुंच रहा है। कुछ परिवार ऊँचे टीलों और बांधों पर आशियाना बना रहे हैं।
कुल मिलाकर, बिहार इस वक़्त जलप्रलय की चपेट में है। बारिश का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा और गंगा की धार लोगों की ज़िंदगियों को निगलने पर आमादा है। शासन-प्रशासन हरकत में है, लेकिन क़ुदरत के सामने इंसानी इंतज़ाम नाकाफ़ी नज़र आते हैं।