Bihar News: बिहार के सबसे बड़े 'परीक्षा माफिया' के कबूलनामा से हड़कंप, JDU नेताओं के साथ मिलकर SSC और बैंक परीक्षा में 2016 से कर रहा था खेला

Bihar News: बिहार का सबसे बड़ा परीक्षा माफिया रौशन मुखिया अब पटना पुलिस के गिरफ्त में है। रौशन मुखिया ने पुलिस के सामने आई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। रौशन मुखिया के खुलासे से प्रदेश में हड़कंप मच गया है। कई नेताओं का भी नाम सामने आ रहा है।

Bihar biggest exam mafia Roshan Mukhiya
Bihar biggest exam mafia Roshan Mukhiya - फोटो : social media

Bihar News: बिहार के प्रतियोगी परीक्षाओं में माफियाओं के द्वारा पैसे लेकर कई धांधली की जा रही थी। पुलिस लगातार माफिय़ाओं के तलाश में जुटी हुई है। बीते दिन लोको पायलट परीक्षा में धांधली करने वाले तीन माफियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इन माफियाओं ने 20 20 लाख रुपए में छात्रों को पास कराने की डील की थी। इन में से एक माफिया था रौशन मुखिया। इसे पुलिस ने पटना के गर्दनीबाग से गिरफ्तार किया था। प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली करने वाला रौशन मुखिया नालंदा के रहुई का निवासी है। वह लंबे समय से परीक्षा माफिया के तौर पर सक्रिय था और फर्जीवाड़े के जरिए करोड़ों की संपत्ति अर्जित कर चुका है। जेल जाने से पहले रौशन ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए। उसने कबूल किया कि 2016 से ही वह प्रतियोगी परीक्षाओं में हेरफेर कर रहा था। यहीं नहीं रौशन ने यह भी कबूला है कि वो यह धांधली जदयू नेताओं के साथ मिलकर कर रहा था। 

2016 से चला रहा गिरोह 

रौशन मुखिया ने 2016 में बिहारशरीफ में श्रीराम इनफोटेक नाम से एक ऑनलाइन एग्जामिनेशन सेंटर खोला था। यहां बायोमेट्रिक सिस्टम में गड़बड़ी कर फर्जी उम्मीदवारों से परीक्षा दिलाई जाती थी। इस दौरान टीसीएस द्वारा आयोजित बैंक भर्ती परीक्षा में भी गड़बड़ी की गई, जिसके बाद सेंटर को बंद कर दिया गया।

बिहार-झारखंड में 5 ऑनलाइन परीक्षा केंद्र

रौशन मुखिया ने परीक्षा धांधली के इस खेल से करोड़ों की संपत्ति बनाई। उसने पटना के विभिन्न इलाकों में जमीन खरीदी और बिहार-झारखंड में पांच ऑनलाइन परीक्षा केंद्र स्थापित किए। इनमें स्वामी अय्यपन (गर्दनीबाग), पूर्णिया डिजिटल, बजरंगपुरी (गायघाट), कुम्हरार, राजीव नगर (पटना) और रांची के सेंटर शामिल हैं।

ब्लैकलिस्ट होने के बाद भी जारी रखा फर्जीवाड़ा

बिहारशरीफ का सेंटर बंद होने के बाद रौशन ने पटना के जगदेव पथ पर स्प्रिंग एजुकेशन सेंटर नाम से एक और परीक्षा केंद्र खोला। 2018-19 में हुई SSC ऑनलाइन परीक्षा में भी उसने धांधली की, जिसके बाद स्प्रिंग एजुकेशन को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया। हालांकि, रौशन ने पटना के अन्य परीक्षा केंद्रों में निवेश कर फर्जीवाड़ा जारी रखा।

राजनीतिक संरक्षण में चल रहा था रैकेट

रौशन मुखिया ने कबूल किया कि वह पूर्णिया और पटना में कटिहार के जदयू नेता रौशन मंडल, वैशाली के विवेक कुमार, शेखपुरा के गौतम उर्फ गौरव और प्रिंस पडिय के साथ मिलकर ऑनलाइन परीक्षा केंद्र चला रहा था। पूर्णिया डिजिटल और स्वामी अय्यपन एजुकेशन जैसे सेंटरों से यह गिरोह बायोमेट्रिक सिस्टम में छेड़छाड़ कर फर्जी परीक्षार्थियों से परीक्षा दिलवाकर नौकरियां दिलाने का खेल कर रहा था। पुलिस इस पूरे रैकेट की जांच कर रही है और अन्य संलिप्त लोगों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है।

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