Khan Sir News: मुसीबत में फंस में खान सर! BPSC परीक्षा विवाद में अग्रिम जमानत याचिका खारिज, अब क्या करेंगे?

Khan Sir News: बीपीएससी 70वीं परीक्षा विवाद मामले में पटना कोर्ट ने खान सर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। जानिए पूरा मामला, कानूनी स्थिति और आरोपों की सच्चाई।

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मुसीबत में फंसे खान सर!- फोटो : social media

Khan Sir News: पटना के जिला और अपर सत्र न्यायाधीश - 26 की अदालत ने शिक्षक मो. रहमान उर्फ मोतीउर रहमान खान जिन्हें आमतौर पर ‘खान सर’ के नाम से जाना जाता है, की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। यह फैसला 23 दिसंबर 2024 को बीपीएससी 70वीं प्रारंभिक परीक्षा रद्द कराने को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में सुनाया गया। मामला गर्दनीबाग थाना कांड संख्या 712/2024 से जुड़ा है।

क्या हुआ था 23 दिसंबर को?

23 दिसंबर 2024 को BPSC 70वीं प्रारंभिक परीक्षा में धांधली के आरोपों को लेकर राज्य भर में छात्रों का विरोध प्रदर्शन हुआ था।खान सर ने आरोप लगाया कि परीक्षा में पेपर लीक, पेपर बदलने जैसी गंभीर अनियमितताएं हुई हैं।उन्होंने दावा किया कि उनके पास इसके ठोस सबूत हैं।इस प्रदर्शन के दौरान पटना में कई स्थानों पर सरकारी संपत्ति को नुकसान भी पहुंचा।

किन धाराओं में दर्ज हुआ मामला?

गर्दनीबाग थाना में दर्ज प्राथमिकी में खान सर पर BNS की धाराएं 191(2), 195(2), 223, 132, 62(2) और आईटी एक्ट की धाराएं 66(C) और 66(D) के तहत मामला दर्ज किया गया है।इन धाराओं में शामिल हैं फर्जी दस्तावेजों का निर्माण,सरकारी कार्य में बाधा,साइबर धोखाधड़ी और सार्वजनिक व्यवस्था में बाधा।

BPSC और प्रशासन की प्रतिक्रिया

बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने खान सर के लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। आयोग ने कहा परीक्षा में कोई भी अनियमितता नहीं हुई है। सोशल मीडिया पर फैलाए जा रहे आरोप भ्रामक और तथ्यहीन हैं। इसके बावजूद छात्रों के आक्रोश और मीडिया कवरेज के कारण मामला राज्यव्यापी बहस का विषय बन चुका है।

खान सर की भूमिका और प्रतिक्रिया

खान सर बिहार में एक लोकप्रिय शिक्षक हैं, जिनकी ऑनलाइन शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी पहचान है।उन्होंने कहा कि उनके पास पेपर लीक और पेपर बदलने के वास्तविक सबूत हैं।उनका दावा है कि विरोध शांतिपूर्ण था और उनका मकसद केवल छात्रों के हक की लड़ाई लड़ना है।हालांकि, पटना पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया, लेकिन बाद में रिहा कर दिया गया था।