Cyber Crime: बिहार में साइबर अपराधियों की खैर नहीं ! अब पुलिस से बचना होगा मुश्किल, AI की मदद से EOU कसेगा शिकंजा

Cyber Crime: बिहार में अब साइबर अपराधियों पर नकेल कसने के लिए तैयार है। साइबर अपराधियों का अब पुलिस से बच पाना आसान नहीं होगा। अब एआई की मदद से ईओयू अपराधियों पर शिंकजा कसेगा।

Bihar police
Bihar police attack on cyber crime - फोटो : social media

Cyber Crime:  बिहार में तेजी से बढ़ते साइबर अपराधों पर लगाम लगाने और डिजिटल सुरक्षा को सुदृढ़ करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। आर्थिक अपराध इकाई (Economic Offences Unit - EOU), बिहार पुलिस और सी-डैक पटना के संयुक्त प्रयास से शुक्रवार को राजधानी में "साइबर सुरक्षा एवं साइबर फॉरेंसिक अनुसंधान एवं विकास केंद्र" (Cyber Security & Forensic R&D Centre) की औपचारिक शुरुआत हुई। इस अत्याधुनिक केंद्र का उद्घाटन आर्थिक अपराध इकाई के अपर पुलिस महानिदेशक (ADG) नैयर हसनैन खान ने किया। इस अवसर पर सी-डैक पटना के निदेशक आदित्य सिन्हा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

एआई तकनीक से होगा अनुसंधान

नए केंद्र की सबसे खास बात यह है कि यहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित अनुसंधान की शुरुआत की जाएगी। इस तकनीक की मदद से साइबर अपराधों की गहन जांच, डेटा एनालिसिस और फॉरेंसिक विश्लेषण में मदद मिलेगी। साथ ही, उभरते डिजिटल खतरों की पहचान और रोकथाम के लिए स्वदेशी अनुसंधान उपकरण और सॉफ्टवेयर का भी विकास किया जाएगा।

पुलिस अधिकारियों को मिलेगा विशेष प्रशिक्षण

केंद्र में पुलिस अधिकारियों और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। जिससे साइबर अपराधों की जांच और कार्रवाई की क्षमता को और अधिक मजबूत किया जा सके।

तकनीक और अनुभव का मेल

सी-डैक के वैज्ञानिकों और ईओयू के अधिकारियों के बीच तकनीकी समन्वय और साझा अनुभव के जरिए जमीनी स्तर पर समस्याओं का समाधान निकालने की दिशा में काम किया जाएगा। यह केंद्र साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में बिहार को राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिलाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है।

25-26 जून को साइबर हैकथॉन

कार्यक्रम के दौरान यह भी घोषणा की गई कि 25 और 26 जून को आर्थिक अपराध इकाई, पटना और सी-डैक के सहयोग से "साइबर हैकथॉन" का आयोजन किया जाएगा। इस प्रतियोगिता में देशभर के प्रतिभागी साइबर सुरक्षा और फॉरेंसिक से जुड़े नवाचारात्मक समाधान प्रस्तुत करेंगे। इस पहल से बिहार पुलिस न केवल साइबर अपराध पर नियंत्रण पाने की दिशा में सक्षम होगी बल्कि डिजिटल इंडिया की अवधारणा को भी मजबूत आधार मिलेगा।