Republic day 2025: बिहार की झांकी ने गणतंत्र दिवस परेड में अपनी समृद्ध विरासत और भविष्य की आकांक्षाओं को खूबसूरती से प्रदर्शित किया है। यह झांकी प्राचीन काल से ज्ञान, मोक्ष और शांति की धरती रहे बिहार के गौरवशाली इतिहास को जीवंत करती है।
नालंदा की पुनर्जागृति
झांकी का मुख्य आकर्षण प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के पुनरुद्धार का दृश्य है। विश्व प्रसिद्ध नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहर आज भी ज्ञान की प्यास बुझाने वाले विद्वानों की याद दिलाते हैं। बिहार सरकार के प्रयासों से नालंदा विश्वविद्यालय को पुनर्जीवित किया जा रहा है और इसे विश्व के प्रमुख शिक्षा केंद्रों में से एक बनाने का लक्ष्य रखा गया है। झांकी में नालंदा के भग्नावशेषों को प्रदर्शित कर इस प्रयास को सलाम किया गया है।
भगवान बुद्ध और इको टूरिज्म:
झांकी में भगवान बुद्ध की भव्य मूर्ति राजगीर के घोड़ा कटोरा झील के साथ प्रदर्शित की गई है। यह मूर्ति शांति और करुणा का प्रतीक है और बिहार की धार्मिक विरासत को दर्शाती है। घोड़ा कटोरा झील को इको टूरिज्म स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
बोधिवृक्ष और ज्ञान का प्रकाश:
झांकी के अग्रभाग में स्थित बोधिवृक्ष ज्ञान का प्रतीक है। यह हमें याद दिलाता है कि इसी धरती पर बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था और उन्होंने दुनिया को शांति और करुणा का संदेश दिया था।
आधुनिक नालंदा विश्वविद्यालय:
झांकी में नवनिर्मित नालंदा विश्वविद्यालय की आधुनिक संरचना को भी दर्शाया गया है। यह विश्वविद्यालय प्राचीन नालंदा की वास्तुकला से प्रेरित है और पर्यावरण के अनुकूल है। यह विश्वविद्यालय आधुनिक शिक्षा और प्राचीन ज्ञान का संगम है।