Bihar Land Mutation: जाली दस्तावेज के बावजूद दाखिल-खारिज की स्वीकृति देना CO सुचिता कुमारी को पड़ा भारी! ऊपर से ऑर्डर आने के बाद की गई सस्पेंड

Bihar Land Mutation: ठाकुरगंज अंचल अधिकारी सुचिता कुमारी को जाली दस्तावेज पर दाखिल-खारिज की स्वीकृति देने के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।

Bihar Land Mutation
बिहार राज्य सरकार की बड़ी कार्रवाई- फोटो : social media

Bihar Land Mutation: राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, बिहार सरकार ने ठाकुरगंज अंचल अधिकारी सुचिता कुमारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। उन पर कर्तव्य की उपेक्षा और फर्जी दस्तावेज के आधार पर नामांतरण (दाखिल-खारिज) की स्वीकृति देने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं।

इस कार्रवाई के लिए राज्यपाल की अनुमति प्राप्त की गई और आदेश विभाग द्वारा निर्गत किया गया। यह मामला भातगांव ग्राम पंचायत के नेगराडूबा गांव के निवासी मोहम्मद कसमुद्दीन द्वारा दायर परिवाद पत्र के आधार पर सामने आया।

मामला क्या था? जानिए आरोपों की विस्तृत जानकारी

मोहम्मद कसमुद्दीन ने आरोप लगाया कि सुचिता कुमारी ने एक जाली केवाला (निबंधन दस्तावेज) के आधार पर ज़मीन का नामांतरण स्वीकृत कर दिया। उन्होंने दस्तावेजों की वैधता को चुनौती दी और एक आपत्ति पत्र भी प्रस्तुत किया था। मुख्य आरोप यह है कि आपत्ति पत्र के बावजूद दाखिल-खारिज कर दिया गया। संबंधित दस्तावेज की सत्यता की पुष्टि निबंधन कार्यालय से नहीं कराई गई। जब स्पष्टीकरण मांगा गया, तो संतोषजनक उत्तर नहीं दिया गया। इन सभी बिंदुओं पर किशनगंज डीएम के नेतृत्व में जांच हुई, जिसकी रिपोर्ट 29 अप्रैल 2025 को विभाग को सौंप दी गई।

जांच रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष

जांच रिपोर्ट में यह स्पष्ट उल्लेख किया गया कि अंचल अधिकारी ने दस्तावेजों की वैधता की पुष्टि नहीं की। आपत्ति पत्र की अनदेखी जानबूझकर की गई। उन्होंने कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही बरती। उनका रवैया गंभीर उदासीनता को दर्शाता है। इन बिंदुओं के आधार पर विभाग ने यह माना कि सुचिता कुमारी की भूमिका अनुशासनहीनता की श्रेणी में आती है, और इसके लिए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाना आवश्यक था।

 निलंबन के बाद की व्यवस्था

सुचिता कुमारी को निलंबन की अवधि में आयुक्त कार्यालय, पूर्णिया में मुख्यालय निर्धारित किया गया है। उन्हें पूर्णिया मुख्यालय में ही निवास करना होगा। बिना अनुमति मुख्यालय नहीं छोड़ सकतीं। उन्हें नियमानुसार जीवन-निर्वाह भत्ता प्रदान किया जाएगा। उनके खिलाफ विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई भी प्रारंभ की जाएगी। इस प्रकार, यह केवल निलंबन नहीं, बल्कि एक गंभीर प्रशासनिक चेतावनी भी है।

क्या मिली जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से?

किशनगंज जिलाधिकारी विशाल राज ने बताया कि उन्हें इस कार्रवाई से संबंधित कोई विभागीय पत्र अब तक प्राप्त नहीं हुआ है। यह जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से उन्हें मिली है। हालांकि, विभागीय आदेश और प्रक्रिया आने के बाद ही स्थानीय स्तर पर इसका क्रियान्वयन किया जाएगा।