Bihar Weather :बिहार में पूरे हफ्ते होगी आफत की बारिश , 26 जिलों में आंधी-तूफान का येलो अलर्ट जारी, पटना में भी होगी झमाझम बारिश

Bihar Weather : बिहार के अधिकांश हिस्सों में लगातार रुक-रुक कर हो रही बारिश और तेज हवाओं ने जहां एक ओर गर्मी से राहत दिलाई है, वहीं दूसरी ओर जनजीवन को कई नई चुनौतियों से भी जूझना पड़ रहा है। ...

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बिहार में पूरे हफ्ते होगी आफत की बारिश- फोटो : Meta

Bihar weather: बिहार में मानसून की सक्रियता अब पूरी तरह स्पष्ट रूप से परिलक्षित होने लगी है। राज्य के अधिकांश हिस्सों में लगातार रुक-रुक कर हो रही बारिश और तेज हवाओं ने जहां एक ओर गर्मी से राहत दिलाई है, वहीं दूसरी ओर जनजीवन को कई नई चुनौतियों से भी जूझना पड़ रहा है। यह दोहरी स्थिति मौसम विज्ञान की उस प्रकृति को दर्शाती है, जो कभी वरदान बनकर आती है, तो कभी संकट के रूप में।

25 जून को मौसम विभाग द्वारा जारी चेतावनी और मौजूदा हालात को देखते हुए कहा जा सकता है कि बिहार में मानसून इस बार अपनी पूरी ताकत के साथ सक्रिय हो रहा है। पश्चिम चंपारण और किशनगंज जैसे सीमावर्ती जिलों में भारी बारिश की आशंका केवल जलभराव या बाढ़ की स्थिति तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे जुड़ा जोखिम—जैसे फसल क्षति, ग्रामीण आवागमन की रुकावटें और विद्युत आपूर्ति बाधित होना—भी गंभीरता से लिया जाना चाहिए।

उत्तर-पूर्व बिहार के अररिया, सुपौल, मधेपुरा, पूर्णिया और सहरसा जैसे जिलों में बिजली गिरने की चेतावनी और दक्षिण बिहार के गया, औरंगाबाद, नवादा, भागलपुर आदि में तेज हवाओं और गरज-चमक के साथ बारिश का अनुमान बताता है कि पूरे राज्य में मौसम की अस्थिरता बनी रहेगी। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में जहां मौसम की मार सीधी जीवन और कृषि पर पड़ती है, वहां इस परिवर्तनशील मौसम का प्रभाव अधिक गहरा होता है।

26 और 27 जून के लिए भी पूर्वानुमान इसी प्रवृत्ति को दोहराता है। मौसम विभाग द्वारा लगातार चेतावनियां जारी की जा रही हैं, जिससे स्पष्ट है कि प्रशासनिक तंत्र को सतर्क रहना होगा। साथ ही, आम लोगों को भी मौसम अपडेट्स पर निगरानी बनाए रखनी चाहिए और जोखिम से बचाव के उपायों को अपनाना चाहिए।

इस बार मानसून की उत्तरी सीमा राजस्थान, पंजाब, दिल्ली होते हुए जम्मू-कश्मीर तक पहुंच चुकी है और बिहार में बंगाल की खाड़ी से आने वाली नमी, ट्रफ लाइन तथा चक्रवातीय परिसंचरण की सक्रियता के कारण वर्षा की गतिविधियां तीव्र हैं। यह स्पष्ट करता है कि प्राकृतिक रूप से मानसून के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ बन चुकी हैं।

पिछले 24 घंटों में किशनगंज में बहुत भारी वर्षा दर्ज की गई है, जो मानसून के स्थानीय प्रभावों की गंभीरता को दर्शाती है। पूर्वी चंपारण, रोहतास, गया और समस्तीपुर जैसे जिलों में भी भारी बारिश दर्ज की गई, जबकि अन्य क्षेत्रों में हल्की से मध्यम वर्षा के चलते तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई है। यह गिरावट न केवल तापमान के लिहाज से राहत है, बल्कि यह मानसून की प्रगति का संकेतक भी है।