Bihar Teacher News: शिक्षा विभाग का नया फरमान, क्लास टीचर महोदय को करना होगा रोजाना यह काम.. बाकी शिक्षक भी ध्यान दें...

Bihar Teacher News: शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूल के हेडमास्टरों के लिए नया फरमान जारी किया है। शिक्षकों को अब नियमित रुप से इन कामों को करना होगा। साथ ही अन्य शिक्षकों को भी कई जिम्मेदारी सौंपी गई है।

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क्लास टीचर को करना होगा ये काम - फोटो : social media

Bihar Teacher News: बिहार में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए शिक्षा विभाग के द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव शिक्षकों के लिए नया नया फरमान जारी करते हैं। इसी कड़ी में शिक्षा विभाग ने एक और फरमान जारी किया है। शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए नई पहल शुरु की है। इसके अनुसार अब शिक्षक रोजाना छात्रों को जी जाने वाली होमवर्क की समीक्षा करेंगे। क्लास टीचर न केवल छात्रों को होमवर्क देंगे, बल्कि अगले दिन उसकी जांच कर शब्दों, लिखावट और सवाल-जवाब से जुड़ी गलतियों की सूची भी तैयार करेंगे। इसके बाद इन त्रुटियों पर विशेष ध्यान देते हुए छात्रों को सुधारने के लिए मार्गदर्शन दिया जाएगा।

छात्रों को बनाया जाएगा और जिम्मेदार 

वहीं यदि कोई छात्र होमवर्क पूरा नहीं करता है, तो शिक्षक उससे कारण पूछेंगे और जरूरत पड़ने पर माता-पिता से मिलकर समस्या को दूर करने में सहयोग करेंगे। शिक्षा विभाग की इस योजना का उद्देश्य छात्रों को पाठ्य ज्ञान के साथ सामाजिक और व्यवहारिक समझ भी विकसित करना है। एसीएस सिद्धार्थ ने आदेश बच्चों को होमवर्क के प्रति और जिम्मेदार होने के लिए दिया है। ताकि बच्चे स्कूल से जाने के बाद अपना होमवर्क पूरा करें। 

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शिक्षकों को मिल रही विशेष ट्रेनिंग

इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए शिक्षकों को छह दिनों की विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है। इस प्रशिक्षण में पढ़ाने, लिखाने, संवाद कौशल, होमवर्क जांचने जैसे कई अहम पहलुओं को शामिल किया गया है। स्कूलों की समयसारणी सुबह 6:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक निर्धारित की गई है। कक्षाएं सुबह 7 बजे शुरू होंगी और 12:20 बजे छुट्टी होगी। प्रतिदिन 10 मिनट का समय हेडमास्टर द्वारा शिक्षण कार्य और होमवर्क की समीक्षा के लिए रखा गया है।

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क्या बोले एसीएस एस सिद्धार्थ 

इसको लेकर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने कहा कि,"सरकारी स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता को बेहतर करने के लिए लगातार सुधार किए जा रहे हैं। होमवर्क, रीडिंग और संवाद के माध्यम से छात्रों की समझ बढ़ाने का प्रयास हो रहा है। साथ ही साफ-सफाई और स्वास्थ्य पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जिससे स्कूलों में सकारात्मक और सुरक्षित वातावरण बन सके।"

गर्मी से बचाव के लिए स्कूलों में विशेष इंतजाम

वहीं भीषण गर्मी को देखते हुए शिक्षा विभाग ने छात्रों की सुरक्षा के लिए भी जरूरी कदम उठाए हैं। सभी स्कूलों में ठंडे पानी की व्यवस्था की जा रही है। खराब पंखे, टूटी खिड़कियां और दरवाजों की मरम्मत के निर्देश दिए गए हैं। चापाकलों के पानी की जांच के साथ परिसर की साफ-सफाई पर भी जोर दिया जा रहा है। धूल से बचाव के लिए स्कूलों में पानी का छिड़काव किया जाएगा।


स्वास्थ्य सुविधा भी होगी मुहैया

बता दें कि, अब सभी सरकारी स्कूलों में प्राथमिक चिकित्सा के लिए फर्स्ट एड बॉक्स अनिवार्य किया गया है। इसमें बुखार, दर्द, उल्टी और चोट से संबंधित आवश्यक दवाएं मौजूद रहेंगी। साथ ही गर्मी को देखते हुए छात्रों के लिए ग्लूकोज की व्यवस्था भी की जा रही है। दवाओं के उपयोग के संबंध में शिक्षकों को आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया जाएगा

सफाई और व्यवस्थाओं की निगरानी

इसके साथ ही स्कूलों की साफ-सफाई, पेयजल और शौचालय की जिम्मेदारी एक नामित शिक्षक को दी जाएगी। जिसकी मॉनिटरिंग स्कूल स्तर पर हेडमास्टर करेंगे। यदि शिक्षकों की संख्या कम पाई जाती है तो उसकी जवाबदेही भी हेडमास्टर पर होगी। प्रखंड और जिला स्तर पर शिक्षा विभाग के अधिकारी नियमित निरीक्षण करेंगे। वहीं मुख्यालय से नियुक्त अधिकारी रैंडम जांच के बाद रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।