Bihar Politics: JDU में भारी बवाल, इस बड़े नेता को हटाने के लिए पटना में नेताओं ने डाला डेरा, ललन सिंह ने संभाला मोर्चा

Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जदयू में भारी बवाल देखने को मिल रहा है। पार्टी ने नेताओं ने एक बड़े नेता को हटाने के लिए मोर्चा खोल दिया है। पढ़िए आगे...

सीएम नीतीश
जदयू में विवाद - फोटो : social media

Bihar Politics: बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होना है। चुनाव को लेकर सभी पार्टियां एक्शन मोड में है। पार्टी के सभी कार्यकर्ता एकजुट होकर काम करें इसपर जोर दिया जा रहा है। लेकिन इसी बीच पार्टी नेताओं के बीच मतभेद की खबरें भी सामने आ रही है। इस बार ये खबर जदयू कोटे से सामने आई है। जहां पार्टी में बवाल देखने को मिला है। पार्टी के एक नेता को हटाने के लिए पटना में सभी नेताओं का जुटान हुआ। इसका मोर्चा खुद केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने संभाला। वारिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में अहम बैठक हुई। बैठक में कई निर्णय लिया गया। 

जिलाध्यक्ष के खिलाफ आक्रोश 

दरअसल, जदयू में जिला स्तरीय आंतरिक विवाद सामने आया जिसमें अब पार्टी के नेतृत्व ने मोर्चा को संभाला। जानकारी अनुसार जिला जदयू अध्यक्ष रामबाबू कुशवाहा को पद से हटाने की मांग को लेकर पार्टी के नेता पटना स्थित प्रदेश कार्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने केन्द्रीय मंत्री सह जदयू के वरिष्ठ नेता राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह और प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा के सामने अपनी शिकायतें रखीं।

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बड़े नेताओं ने संभाला मोर्चा

पार्टी नेताओं के अनुसार, प्रखंड स्तर पर अध्यक्ष के खिलाफ संगठनात्मक कामकाज में अनियमितता और व्यवहार को लेकर नाराजगी है। विरोधी गुट के नेताओं ने आरोप लगाया कि जिलाध्यक्ष प्रखंड अध्यक्षों के साथ सही व्यवहार नहीं कर रहे हैं और संगठनात्मक गतिविधियों में पारदर्शिता नहीं है। उन्होंने जिलाध्यक्ष को हटाने की मांग की। जिसके बाद पार्टी के बड़े नेताओं ने इस मामले का हल निकाला। 

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ललन सिंह की नसीहत, ‘चुनाव सामने है, एकजुट रहें’

शिकायतों को सुनने के बाद केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने सभी नेताओं से एकजुटता बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, ऐसे में संगठन में फूट ठीक नहीं। उन्होंने जिला अध्यक्ष को निर्देश दिया कि वे अहम छोड़कर सभी कार्यकर्ताओं के घर जाकर तालमेल बैठाएं और एकता का संदेश दें। प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने भी "मिशन 2025" को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संकल्प पर एक बार फिर जोर दिया। 

विरोधी गुट की सीएम से मिलने की योजना

बैठक के बाद पार्टी कार्यालय से बाहर निकलते ही विरोधी गुट के नेता चिंतन शिविर संयोजक रंजीत साहनी और वरिष्ठ नेता नरेन्द्र पटेल ने आपसी चर्चा की। उन्होंने प्रदेश कार्यालय में लिए गए फैसले पर नाराजगी जताई और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात कर पूरी स्थिति से अवगत कराने का निर्णय लिया। नरेन्द्र पटेल ने कहा कि पहले भी मुख्यमंत्री ने संगठन में विवाद का समाधान निकालने के लिए निर्देश दिया था, लेकिन अब तक ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

संगठन में जांच के लिए कमेटी गठित होगी

बैठक में निर्णय लिया गया कि जिले में जदयू के संगठनात्मक विवाद की जांच के लिए जल्द ही दो सदस्यीय समिति गठित की जाएगी। केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने इसका आश्वासन दिया। इस बैठक में कई वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति रही जिनमें उमेश सिंह कुशवाहा, चंदन कुमार सिंह (मुख्यालय प्रभारी), विधान पार्षद संजय गांधी और नवीन कुमार आर्य शामिल थे।

जिलाध्यक्ष रामबाबू कुशवाहा का पलटवार

इस पूरे घटनाक्रम पर जिलाध्यक्ष रामबाबू कुशवाहा ने अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज किया। उन्होंने कहा, “कुछ लोग संगठन के कार्य में रुचि नहीं रखते, इसलिए हमेशा शिकायत करते रहते हैं। बूथ कमेटी निर्माण जैसे अहम कार्यों में सहयोग करने के बजाय विवाद फैलाते हैं।” बैठक में विरोधी गुट से नरेन्द्र पटेल, पंकज किशोर पप्पू, मुख्तार ताबिश, इरफान अहमद दिलकश, देवेंद्र सहनी, श्यामसुंदर पटेल, विनते जौहरा, बेचन महतो, अभिषेक सिंह और कई अन्य नेता मौजूद रहे। वहीं समर्थन में पूर्व जिलाध्यक्ष हरिओम कुशवाहा, अंबरीश कुमार सिन्हा, शिशिर कुमार, नीरज भारतेन्दु सिंह, विक्रांत विक्की और बबलू पटेल भी बैठक में उपस्थित थे।