घोटाले का गणित तय करेगा 5 अगस्त, राहत मिलेगा या होगी गिरफ्तारी? लालू परिवार की किस्मत का फैसला करेगा कोर्ट

Lalu Yadav: IRCTC घोटाला मामले में राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव समेत कई आरोपियों के खिलाफ कोर्ट 5 अगस्त को बड़ा फैसला सुनाने जा रही है।

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लालू परिवार की मुश्किलें बढ़ीं! - फोटो : social Media

Lalu Yadav:: IRCTC घोटाला मामले में राष्ट्रीय जनता दल  सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव समेत कई आरोपियों के खिलाफ कोर्ट 5 अगस्त को बड़ा फैसला सुनाने जा रही है।

यह फैसला यह तय करेगा कि इस चर्चित घोटाले में लालू परिवार और अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप तय होंगे या नहीं, यानी क्या इन पर मुकदमा चलेगा या नहीं।

यह मामला लालू यादव के रेल मंत्री रहते हुए इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) के तहत पुरी और रांची स्थित बीएनआर होटलों के रखरखाव का ठेका एक निजी फर्म को देने में हुई अनियमितताओं से जुड़ा है।

सीबीआई  के अनुसार, साल 2004 से 2014 के बीच एक साजिश के तहत टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी की गई। टेंडर की शर्तों में बदलाव कर पटना की "सुजाता होटल्स प्राइवेट लिमिटेड" को अनुचित लाभ पहुंचाया गया।

सीबीआई ने यह भी आरोप लगाया कि इस साजिश में लालू परिवार की लारा प्रोजेक्ट्स, सुजाता होटल्स, और अन्य निजी संस्थाएं शामिल थीं, जिन्हें सीधे फायदा पहुंचाया गया।

मामले में लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के अलावा IRCTC के पूर्व अधिकारी वीके अस्थाना और आरके गोयल, तथा सुजाता होटल्स के निदेशक विजय और विनय कोचर भी आरोपी हैं।

विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने हाल में सीबीआई से कुछ महत्वपूर्ण स्पष्टीकरण मांगे हैं और अब मामले को 5 अगस्त के लिए सूचीबद्ध किया है।

लालू परिवार के वकीलों का कहना है कि सीबीआई के पास कोई ठोस सबूत नहीं है और उनके मुवक्किलों ने सभीआरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।

हालांकि, सीबीआई ने 28 फरवरी को कोर्ट में स्पष्ट किया था कि अभियुक्तों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध हैं, जिनके आधार पर आरोप तय किए जा सकते हैं।

अब सभी की निगाहें 5 अगस्त पर टिकी हैं। अगर कोर्ट आरोप तय करने का आदेश देती है, तो लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को इस बहुचर्चित घोटाले में अभियुक्त के रूप में मुकदमे का सामना करना पड़ेगा।

यह मामला राजनीतिक, कानूनी और सामाजिक रूप से गंभीर असर डाल सकता है, खासकर बिहार की राजनीति और राजद के भविष्य पर।