6 lane bridge inauguration:राजेंद्र सेतु के बोझ को बांटेगा नया पुल, इस दिन पीएम मोदी करेंगे औंटा-सिमरिया छह लेन सेतु का लोकार्पण, लाखों लोगों को होगा फायदा

6 lane bridge inauguration: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने वाले औंटा-सिमरिया छह लेन पुल का लोकार्पण करेंगे। गंगा पर बने इस विशाल सेतु की लम्बाई 8.150 किलोमीटर है, जिसमें नदी पर फैला हिस्सा 1.865 किलोमीटर लंबा है।

Onta Simaria six lane bridge
पीएम मोदी करेंगे औंटा-सिमरिया छह लेन सेतु का लोकार्पण- फोटो : social Media

6 lane bridge inauguration: बिहार की विकास यात्रा में 22 अगस्त का दिन ऐतिहासिक बनने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने वाले औंटा-सिमरिया छह लेन पुल का लोकार्पण करेंगे। गंगा पर बने इस विशाल सेतु की लम्बाई 8.150 किलोमीटर है, जिसमें नदी पर फैला हिस्सा 1.865 किलोमीटर लंबा है। लगभग 1871 करोड़ रुपये की लागत से तैयार यह पुल अब तक के यातायात दबाव को कम करेगा और नए औद्योगिक अवसरों का मार्ग प्रशस्त करेगा।

प्रधानमंत्री अपने इस दौरे में गया और बेगूसराय भी जाएंगे। बेगूसराय में उनके 15 मिनट रुकने का कार्यक्रम है। रविवार को बिहार के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, स्थानीय जनप्रतिनिधियों और जिला प्रशासन के साथ स्थल निरीक्षण कर सुरक्षा, साफ-सफाई और अन्य तैयारियों की समीक्षा की। पीएम के सिमरिया रिवर फ्रंट के भी निरीक्षण की संभावना जताई गई है।

यह पुल ऐतिहासिक राजेंद्र सेतु के समानांतर बनाया गया है। राजेंद्र सेतु का शिलान्यास डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने 1956 में किया था और उद्घाटन जवाहरलाल नेहरू व श्रीकृष्ण सिंह ने 1959 में किया था। लेकिन सात दशकों में यातायात का बोझ इतना बढ़ गया कि वह सेतु अब लोगों की जरूरत पूरी करने में सक्षम नहीं रहा। आए दिन लगने वाले लंबे जाम लोगों की सबसे बड़ी समस्या बन चुके थे।

नया पुल इस बोझ को बांटेगा और पटना से मोकामा, बेगूसराय होते हुए खगड़िया तक चार लेन संपर्कता को सुगम बनाएगा। साथ ही पूर्णिया और भागलपुर से पटना आने-जाने वाले यात्रियों को भी जाम से राहत मिलेगी। यात्रा का समय घटेगा और यातायात सुचारु होगा।

प्रधानमंत्री 22 अगस्त को बख्तियारपुर-मोकामा चार लेन सड़क का भी उद्घाटन करेंगे, जिसकी लंबाई 44.60 किलोमीटर है और निर्माण में 1899 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। इन परियोजनाओं से उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच संचार, व्यापार और रोजगार की नई संभावनाएं खुलेंगी।मुख्य सचिव ने अधिकारियों को साफ निर्देश दिए हैं कि पीएम के दौरे से पहले न केवल सुरक्षा और व्यवस्था पुख्ता हो बल्कि चल रही अन्य परियोजनाओं में भी गुणवत्ता और समयबद्धता सुनिश्चित की जाए।

वर्ष 2015 में घोषित विशेष पैकेज के हिस्से के रूप में यह पुल अब तैयार होकर खड़ा है। 2017 में रखी गई नींव से लेकर उद्घाटन तक की यात्रा आज पूरा क्षेत्र देख रहा है। गंगा पर बना यह नया सेतु केवल लोहे और कंक्रीट की संरचना नहीं है, बल्कि बिहार की प्रगति, उसकी गति और उसकी आकांक्षाओं का प्रतीक है।