Patna crime: पुलिस मुठभेड़ में बैंक मैनेजर का बेटा घायल! हत्या की सुपारी लेकर गैंग के साथ निकला था शख्स, बीच रास्ते में ही प्रशासन की गोली का हुआ शिकार
Patna crime: पटना के बिक्रम थाना क्षेत्र में STF और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में हत्या की सुपारी लेकर निकले छह अपराधी गिरफ्तार। जेल में बना था गिरोह, जिसमें बैंक मैनेजर का बेटा विशाल कुमार भी शामिल।

Patna crime: पटना जिले के बिक्रम थाना क्षेत्र में गुरुवार (22 मई) की रात एक बड़ी पुलिस-STF मुठभेड़ हुई, जिसमें कुख्यात अपराधी विशाल कुमार को पैर में गोली लगी, और उसे पी.एम.सी.एच. में भर्ती कराया गया।पुलिस ने छह अपराधियों को देसी पिस्टल, कारतूस और बाइक के साथ गिरफ्तार किया। ये सभी सुपारी लेकर हत्या करने निकले थे।
गिरफ्तार अपराधियों की सूची
पश्चिमी एसपी शरथ आरएस के अनुसार गिरफ्तार अपराधियों के नाम इस प्रकार है:
विशाल कुमार (वाजिरपुर परियावां) – मुठभेड़ में घायल
जितेंद्र कुमार (परसा बाजार)
अंकित (दयालपुर, बिहटा)
सोनू (खगौल नहर, रूपसपुर)
शुभम उर्फ रेयांश (बोचाचक, फुलवारी)
ऋतिक उर्फ सुजीत कुमार (हरिदास, खगौल)
पुलिस को गिरफ्तार अपराधियों के पास से चार देसी पिस्टल, 24 जिंदा कारतूस, दो मोबाइल, दो मोटरसाइकिल बरामद हुए।
जेल में पनपता गिरोह
बिहार के इस मामले ने एक खतरनाक प्रवृत्ति को उजागर किया है कि जब ये सभी हत्या के केस में जेल में थे, वहीं इन्होंने मिलकर गैंग बनाया। बाहर निकलते ही कुख्यातों से संपर्क के जरिए सुपारी लेने लगे। जेल अब सुधारगृह नहीं, बल्कि गिरोह निर्माण केंद्र बन रहे हैं। ये आंतरिक मॉनिटरिंग और इंटेलिजेंस विफलता के संकेत देता है। बाहर निकलने के बाद अपराधियों के लिए सुपारी नेटवर्क पहले से तैयार कर लेते हैं.
मुठभेड़ की पूरी कहानी
STF और बिक्रम पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि बाइक सवार अपराधी हत्या को अंजाम देने आ रहे हैं। उन्होंने निसारपुरा मोड़ पर चेकिंग लगा दी। इस दौरान पहली बाइक पकड़ में आ गई। दूसरी बाइक पर बैठे विशाल ने पुलिस पर फायरिंग की, जवाबी कार्रवाई में घायल हुआ।अपराधियों की ओर से 5–6 राउंड गोली मारी गई। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में 3 राउंड गोली चली।
बैंक मैनेजर का बेटा, बना कुख्यात
विशाल 2021 में हत्या के केस में जेल गया था। वह जेल में गिरोह गठित किया और बाहर आते ही संपर्क से अपराध शुरू कर दिया। उसके पिता बैंक मैनेजर हैं – जो दिखाता है कि अपराध का चयन केवल गरीबी या जरूरत से नहीं होता, बल्कि मानसिकता और बर्चस्व की चाहत से भी होता है। बता दें कि इस महीने ही बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने साफ निर्देश दिया था कि पुलिस अपने तरीके से अपराध पर लगाम लगाने के लिए काम कर सकती है। उन्हें जहां पर जरूरत पड़ें वहां पर वह अपराधियो का इनकाउंटर कर सकते हैं।