Bihar Road:चुनावी साल में बिहार को पीएम मोदी का बड़ा तोहफ़ा, मोकामा–मुंगेर फोर लेन सड़क और रेल प्रोजेक्ट्स को मिली हरी झंडी

Bihar Road:लोकसभा चुनाव से पहले बिहार की सियासत गर्म है और इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट बैठक ने सूबे को दो अहम तोहफ़े दिए हैं।

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:चुनावी साल में बिहार को पीएम मोदी का बड़ा तोहफ़ा- फोटो : social Media

Bihar Road:लोकसभा चुनाव से पहले बिहार की सियासत गर्म है और इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट बैठक ने सूबे को दो अहम तोहफ़े दिए हैं। इनमें सबसे बड़ा तोहफ़ा है मोकामा–मुंगेर चार लेन ग्रीनफील्ड सड़क परियोजना, जिसकी कुल लंबाई 82.40 किमी होगी और जिस पर 4447 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

यह परियोजना बक्सर–भागलपुर हाईवे का हिस्सा है, जिसका टेंडर पहले ही जारी हो चुका है। चयनित एजेंसी को ढाई साल में निर्माण पूरा करना होगा और साथ ही 15 वर्षों तक सड़क की देखरेख भी करनी होगी। इसका निर्माण हाइब्रिड एन्यूटी मोड (HAM) में होगा, यानी एजेंसी खुद 60% लागत उठाएगी और केंद्र सरकार 40% देगी। बाद में एजेंसी टोल से अपनी लागत वसूलेगी।

पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस सड़क से बक्सर से मिर्जाचौकी तक का सफर आसान होगा। कोईलवर से पटना तक का निर्माण पहले ही तेज़ी से चल रहा है, जबकि मोकामा से मुंगेर और फिर मिर्जाचौकी तक चार पैकेज में काम जारी है। नई मंजूरी के बाद मुख्यमंत्री की उस परिकल्पना को मजबूती मिलेगी जिसमें कहा गया है कि बिहार के सुदूर इलाक़ों से महज़ चार घंटे में पटना पहुँचना संभव होगा।यह सड़क पूरी होने के बाद कम से कम डेढ़ घंटे की बचत होगी और गाड़ियां औसतन 80 किमी प्रति घंटे की रफ़्तार से दौड़ेंगी।

सिर्फ़ सड़क ही नहीं, बल्कि रेल परियोजनाओं पर भी केंद्र सरकार ने बिहार को राहत दी है। पूर्व मध्य रेल के 12 प्रोजेक्ट्स के लिए अंतिम लोकेशन सर्वे को मंजूरी मिल गई है। इसमें फतुहा–बिदुपुर रेल पुल, 10 किमी नई लाइन, पाटलिपुत्र–फुलवारीशरीफ़ और पाटलिपुत्र–दानापुर सेक्शन का दोहरीकरण, साथ ही दनियावां और नेउरा वाईपास लाइन जैसी अहम योजनाएँ शामिल हैं।

पूर्व मध्य रेल के सीपीआरओ सरस्वती चंद्र के मुताबिक़ इन परियोजनाओं पर शुरुआती सर्वे के लिए 10.51 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। सर्वे पूरा होने के बाद डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार की जाएगी।

चुनावी साल में यह मंजूरी बिहार को मोदी सरकार की ओर से बड़ा इंफ़्रास्ट्रक्चर पैकेज मानी जा रही है। एक तरफ़ सड़क परियोजना विकास और रोज़गार के अवसर बढ़ाएगी, वहीं दूसरी ओर रेल प्रोजेक्ट्स से कनेक्टिविटी में सुधार होगा। राजनीतिक हलकों में इसे साफ़ तौर पर “चुनावी सौग़ात” और केंद्र की तरफ़ से बिहार के लिए “सियासी निवेश” माना जा रहा है।