PATNA: बिहार विधानसभा की चार सीटों तरारी, रामगढ़, इमामगंज एवं बेलागंज में उपचुनाव प्रचार का शोर 11 नवंबर यानी आज (सोमवार) शाम से थम जाएगा। चुनाव प्रसार का आज आखिरी दिन है। आखिरी दिन चारों विधानसभा सीटों पर सभी पार्टियों के दिग्गज चुनाव प्रसार करने पहुंचेंगे। महागठबंधन और एनडीए के साथ साथ पहली बार चुनावी मैदान में किस्मत अजमा रहे जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने भी पूरी ताकत झोंक दी है।
चुनाव प्रसार का आखिरी दिन आज
आज आखिरी दिन कई दिग्गज चुनाव प्रसार करने पहुंच रहे हैं। बेलागंज में आज लालू यादव और हेना शाहब हुंकार भरेंगी। बिहार विधानसभा उपचुनाव को सेमीफाइनल माना जा रहा है क्योंकि 2025 में बिहार विधानसभा चुनाव होना है। ऐसे में सभी पार्टी अपनी जीत के लिए जी जान से जुटे हुए हैं। महागठबंध और एनडीए में सीधी टक्कर देखी जा रही है। एक और जहां महागठबंधन के नेता अपनी जीती हुई सीटों को बचाने में लगे हैं तो वहीं एनडीए सभी सीटों को अपने खाते में लाने के लिए कोशिश कर रही है। वहीं 4 सीटों पर महागठबंधन और एनडीए को कड़ी टक्कर जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर दे रहे हैं।
4 सीटों में से 3 पर महागठबंधन का कब्जा
बता दें कि अब 4 विधानसभा सीटों में से 3 सीटों पर महागठबंधन का कब्जा रहा है। दो सीट रामगढ़ और बेलागंज में राजद का कब्जा तो वहीं तरारी सीट पर सीपीआई एमएल का कब्जा रहा है। वहीं एनडीए की बात करें तो एनडीए के पास केवल एक ही सीट इमामगंज था। यहां हम पार्टी के संरक्षण जीनराम मांझी का कब्जा था। इमामगंज से इस बार जीतनराम मांझी की बहू दीपा मांझी मैदान में हैं। ऐसे में एनडीए ना सिर्फ इमामगंज बल्कि चारों सीटों पर चुनाव जीतने का दावा कर रही है।
रामगढ सीट के उम्मीदवार
रामगढ़ सीट की बात करे तो यहां से राजद के सुधाकर सिंह विधायक थे, सुधाकर सिंह के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद यह सीट खाली हो गई। वहीं इस बार राजद ने सुधाकर सिंह के भाई अजित सिंह पर विश्वास दिखाते हुए उन्हें उम्मीदवार बनाया है। बीजेपी की ओर से रामगढ़ में बीजेपी के पूर्व विधायक अशोक सिंह मैदान में हैं 2020 में वो मामूली अंतर से चुनाव हार गए थे। वहीं जनसुराज की ओर से महागठबंधन और एनडीए को सुशील कुमार कुशवाहा चुनौती दे रहे हैं।
तरारी सीट पर होगा किसका कब्जा
तरारी विधानसभा सीट की बात करें तो महागठबंधन की ओर से यह सीट सीपीआई (एमएल) के खाते में आई है। सीपीआई (एमएल) ने राजू यादव को उम्मीदवार बनाया है। यह सीट सीपीआई (एमएल) के कब्जे में रही है। इस बार भी महागठबंधन इस सीट को जीतने की कोशिश में है। वहीं भाजपा की ओर से सुनील पांडेय के बेटे विशाल प्रशांत को उम्मीदवार बनाया गया है। तरारी सीट पर भी प्रशांत किशोर ने अपना उम्मीदवार उतारा है। जनसुराज की ओर से यहां से किरण देवी को उम्मीदवार बनाया गया है।
इमामगंज सीट
इमामगंज सीट की बात करें तो इस सीट पर हम संरक्षण जीतनराम मांझी का कब्जा था उनके सांसद बनने के बाद अब इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है। एनडीए की ओर से जीतनराम मांझी की बहू दीपा मांझी चुनावी मैदान में हैं। वहीं राजद ने राकेश रौशन को उम्मीदवार बनाया है। पीके ने मोहम्मद अमजद को अपना उम्मीदवार बनाया है।
बेलांगज सीट
बेलागंज की बात करें तो बेलागंज में करीब तीन दशक से राजद का कब्जा रहा है। राजद विधायक सुरेंद्र यादव के सांसद बनने के बाद बेलागंज सीट खाली हुई है। जिसके बाद उपचुनाव कराया जा रहा है। उपचुनाव के लिए राजद की ओर सुरंद्र यादव के बेटे विश्वनाथ यादव को प्रत्याशी बनाया गया है। एनडीए की ओर से यह सीट जदयू के खाते में हैं जदयू ने इस सीट से मनोरमा देवी को उम्मीदवार बनाया है। वहीं जनसुराज ने बेलागंज से खिलाफत हुसैन को टिकट दिया है।
त्रिकोणीय मुकाबला
कुल मिलाकर उपचुनाव के चारों सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है। प्रशांत किशोर इस बार सीएम नीतीश और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। हालांकि महागठबंधन का दावा है कि वो चारों सीटों पर चुनाव जीतेंगे तो वहीं एनडीए का दावा है कि चारों सीटों पर उनके उम्मीदवार चुनाव जीतेंगी। ठीक उसी प्रकार जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर भी अपने पार्टी के उम्मीदवारों की जीत का दावा कर रहे हैं।