BPSC : पटना के जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर के खिलाफ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराई गई है. बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं प्रतियोगिता (प्रारंभिक) परीक्षा के दौरान जमकर हंगामा हुआ था. इसी दौरान जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर ने एक युवक को थप्पड़ जड़ दिया था. इससे यह मामला और ज्यादा तूल पकड़ लिया.
जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर के थप्पड़ मारने के खिलाफ अब ब्रजेश सिंह नाम के शख्स ने NHRC में शिकायत दर्ज कराई है. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में मामला चले जाने से डीएम का थप्पड़ मारने का मामला और ज्यादा पेचीदा हो गया है.
दरअसल, बिहार लोक सेवा आयोग की ओर से 13 दिसम्बर को पूरे बिहार में परीक्षा ली गई. इस दौरान पटना के बापू परीक्षा सभागार में छात्रों के एक वर्ग ने आरोप लगाया कि प्रश्न पत्र वायरल हो गया है. इसे लेकर जमकर हंगामा मचाया गया. इसी दौरान पटना जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर जब पटना एसएसपी के साथ मौके पर पहुंचे तो वहां भीड़ ने और ज्यादा हंगामा शुरू कर दिया. पटना डीएम ने हंगामा कर रहे एक युवक पर अचानक से थप्पड़ जड़ दिया. वहीं पुलिस ने उस युवक को पकड़ लिया.
उधर 70वीं बीपीएससी परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने के आरोपों का पटना जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर ने खंडन किया है। उन्होंने शुक्रवार को छात्रों के हंगामे के बाद कहा कि पटना के बापू परीक्षा परिसर में 12 हजार अभ्यर्थियों का सेंटर था। यहां प्रत्येक कक्ष में 273 बच्चों का सिटिंग प्लान था। ऐसे में एक कक्ष के लिए एक बॉक्स में 288 प्रश्न पत्र आना चाहिए।
हालाँकि एक बॉक्स में बॉक्स में सिर्फ 192 प्रश्न पत्र था। उन्होंने कहा कि इसी कारण जिस बॉक्स में सिर्फ 192 प्रश्न पत्र था। उस कक्ष के लिए शेष प्रश्न पत्र दूसरे हॉल से लिया गया। साथ ही जब शेष बचे प्रश्न पत्र के बंडल खुले बॉक्स के साथ दूसरे कक्ष में ले जाए गये तो कुछ छात्रों ने इस पर आपत्ति जताई। छात्रों को प्रश्नपत्र के बॉक्स क्यों खुले यह सही तरीके से बताया गया। इस पूरी प्रक्रिया में 10 से 15 मिनट की देरी भी हुई। उन्होंने कहा कि छात्रों का कहा गया कि आपको अतिरिक्त समय मिलेगा। लेकिन इसके बाद भी करीब 100 से 150 छात्रों ने प्रश्न पत्र का बंडल खुला रहने का आरोप लगाकर हंगामा करना शुरू कर दिया।
वहीं बीपीएससी ने भी प्रश्न पत्र लीक होने के दावों को सिरे से ख़ारिज कर दिया. पटना जिलाधिकारी ने प्रश्नपत्र के एक बॉक्स में कम होने के जो बातें कही उसी पर बीपीएससी ने भी मुहर लगाई. साथ ही भ्रामक और अफवाह फ़ैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही. हालाँकि इन सबके बीच पटना जिलाधिकारी का थप्पड़ मारना अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक पहुंच गया है.