Bihar Vidhansabha : बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में मंगलवार को तरारी विधानसभा से नवनिर्वाचित विधायक विशाल प्रशांत ने शपथ ली. उन्हें विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने शपथ दिलाई. बिहरा में चार सीटों पर हुए विधानसभा के उपचुनाव के परिणाम 23 नवंबर को आए थे. चुनाव परिणाम एनडीए के पक्ष में रहे थे और भाजपा ने दो, जदयू ने एक तथा हम ने एक सीट पर जीत हासिल की थी. तरारी विधानसभा से भाजपा के विशाल प्रशांत ने जीत हासिल की. हालाँकि एक दिन पहले शेष तीनों नवनिर्वाचित विधायकों का शपथ हो गया था. सिर्फ तरारी के विधायक का शपथ निजी कारणों से नहीं हुआ था जो मंगलवार को हुआ.
बिहार विधानसभा उपचुनाव में चार सीटों के आए परिणाम में विजेता रहे रामगढ़ से भाजपा के अशोक सिंह, इमामगंज से हम की दीपा मांझी और बेलागंज से जदयू की मनोरमा देवी को शपथ दिलाई गई. तरारी विधानसभा सीट पर भाजपा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए जीत हासिल की। भाजपा उम्मीदवार विशाल प्रशांत ने सीपीआई माले के राजू यादव को 10 हजार से अधिक वोटों से हराया। 2024 के उपचुनाव में भाजपा को 48.70 प्रतिशत वोट मिले जबकि 2020 में उसे सिर्फ 8.19 प्रतिशत वोट ही मिले थे। यानी भाजपा का वोट बैंक लगभग 40 प्रतिशत बढ़ा है। वहीं, माले को इस बार 42.14 प्रतिशत वोट मिले जबकि 2020 में उसे 43.53 प्रतिशत वोट मिले थे।
तरारी और रामगढ़ विधानसभा सीट पर बीजेपी की जीत दर्ज होने के बाद बीजेपी के 80 विधायक हो गए हैं, जबकि आरजेडी के पहले सबसे अधिक विधायक 79 थे लेकिन दो सीट हार जाने के बाद आरजेडी के पास 77 विधायक बचे हैं.
महागठबंधन के विधायक घटकर 112 :
जेडीयू के पास पहले से 45 विधायक थे, जो अब बेलागंज सीट जीतने पर जेडीयू के 46 विधायक हो चुके हैं. भाकपा माले के 12 विधायक थे लेकिन तरारी सीट हार जाने के बाद भाकपा माले के 11 विधायक हो गए. जीतन राम मांझी की चार सीट बरकरार है. देखा जाए तो 243 सीटों वाली बिहार विधानसभा में विपक्ष महागठबंधन और ज्यादा कमजोर हो गई है. पहले महागठबंधन के पास 115 विधायक थे, जो घटकर अभी 112 विधायक हो चुके हैं तो वही सत्ता पक्ष एनडीए के 128 विधायक थे जो अब बढ़कर 131 विधायक हो गए हैं.
वर्तमान में विधानसभा के 243 सीटों में से सत्ता पक्ष के बीजेपी के 80, जदयू के 46, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के 4 और निर्दलीय एक सुमित सिंह मिलाकर 131 हुए. तो वहीं महागठबंधन में आरजेडी के 77, कांग्रेस के 19, भाकपा माले के 11, भाकपा के 2, माकपा के 2 और एआईएमआईएम के एक विधायक मिलाकर कुल 112 विधायक विपक्ष में रह गए हैं.