Bihar Baisee MLA Wife: बिहार के बायसी में राजद विधायक सैयद रुकनुद्दीन अहमद और उनके परिवार से जुड़े कई लोगों के नाम से मनरेगा योजना के तहत फर्जी जॉब कार्ड जारी होने का मामला सामने आया है। इन फर्जी जॉब कार्डों का इस्तेमाल कर कई वर्षों से सरकारी राशि का उठाव किया जा रहा है। इस खबर के सामने आते ही मनरेगा विभाग से जुड़े अधिकारियों में हड़कंप मच गया है।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला बायसी प्रखंड के मीणापुर पंचायत से जुड़ा है, जहां सरकारी नियमों की अवहेलना करते हुए कई फर्जी जॉब कार्ड बनाए गए और उनका इस्तेमाल करके सरकारी योजनाओं में कार्य दिखा कर सरकारी धन का उठाव किया गया।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इन फर्जी जॉब कार्डों में विधायक सैयद रुकनुद्दीन अहमद की पत्नी नरगिस जहां, उनके भाई मु. जकीउद्दीन, जो बायसी के एक शिक्षक हैं, और उनकी बहन कैशर जहां, जो बायसी की पूर्व प्रखंड प्रमुख रह चुकी हैं, के नाम शामिल हैं। इन जॉब कार्डों पर मिट्टी भराई से लेकर पौधारोपण तक कई कार्य दिखाए गए हैं और सरकारी राशि का उठाव किया गया है।
फर्जी जॉब कार्ड के आंकड़े
नरगिस जहां का जॉब कार्ड 19 मई 2020 को जारी हुआ, जिसका जॉब कार्ड नंबर BH-23-003-012-00804200-5286 है और उनका खाता बैंक ऑफ बड़ौदा में है।
विधायक के भाई सैयद जकीउद्दीन का जॉब कार्ड भी 19 मई 2020 को जारी हुआ, जिसका जॉब कार्ड नंबर BH-23-003-012-00804200-5288 है।
उनकी बहन कैशर जहां का जॉब कार्ड 5 जून 2024 को जारी हुआ, जिसका जॉब कार्ड नंबर BH-23-003-012-00804200-7069 है और उनका खाता सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में है।
मीणापुर पंचायत में फर्जी जॉब कार्ड की भरमार
मीणापुर पंचायत में लगभग 7,000 लोगों के नाम पर जॉब कार्ड जारी किए गए हैं, जिनमें से कई लोगों को यह तक नहीं पता कि उनके नाम से जॉब कार्ड बना हुआ है। इन फर्जी कार्डों के जरिए सरकारी योजनाओं में काम दिखाकर लाखों की राशि का उठाव किया गया है।
क्या कहते हैं अधिकारी?
इस मामले को लेकर मनरेगा के प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी रामाअनुज का कहना है कि विधायक की पत्नी और रिश्तेदारों के नाम से जॉब कार्ड जारी हुआ है और इस जॉब कार्ड के जरिए सरकारी राशि का उठाव किया गया है। वहीं, मीणापुर पंचायत के पंचायत रोजगार सेवक प्रकाश कुमार बादल का कहना है कि उन्हें बाद में इस मामले की जानकारी हुई है और वे अब इस गलती को सुधारने का प्रयास कर रहे हैं।