भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 9 अक्टूबर 2024 को अपनी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में रेपो रेट में कोई बदलाव न करने का फैसला किया है। लगातार 10वीं बार आरबीआई ने रेपो दर को 6.5% पर कायम रखा है। 7 अक्टूबर से शुरू हुई मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में यह निर्णय लिया गया। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि एमपीसी के छह में से पांच सदस्यों ने ब्याज दर को यथावत रखने के पक्ष में मतदान किया है।
इस बैठक में आम जनता से जुड़े कई अहम फैसले भी लिए गए हैं, जिसमें यूपीआई पेमेंट्स को लेकर महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। यूपीआई लाइट वॉलेट की सीमा को 2,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये कर दिया गया है, और यूपीआई 123 की सीमा को भी संशोधित किया गया है। साथ ही आरबीआई ने बैंकों को क्रेडिट कार्ड बकाये पर विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी है।
आरबीआई की 15 बड़ी घोषणाएं:
- रेपो रेट 6.5% पर बरकरार।
- एमपीसी ने 5:1 के मत से यह फैसला किया।
- वैश्विक चुनौतियों के बावजूद महंगाई पर काबू।
- मौद्रिक नीति का रुख तटस्थ किया गया।
- लचीली मौद्रिक नीति को 8 साल हुए।
- जीडीपी में निवेश का हिस्सा 2012-13 से अब तक सबसे ऊंचा।
- आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 7.2%।
- सितंबर में महंगाई बढ़ने की संभावना।
- रुपया स्थिरता बनाए हुए है।
- बैंकों को उपभोक्ता कर्ज पर सतर्क रहने की सलाह।
- यूपीआई लाइट की सीमा 5,000 रुपये।
- खुदरा मुद्रास्फीति का अनुमान 4.5%।
- घरेलू मांग और सरकारी नीतियों से विनिर्माण में तेजी।
- आरबीआई का नकदी प्रबंधन चुस्त।
- क्रेडिट कार्ड बकाये पर सख्त निगरानी