Bihar vidhansabha chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज है। सभी पार्टी चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। बिहार में यह चुनावी वर्ष हैं और चुनावी वर्ष में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं और विभिन्न सामाजिक संगठन अपने समुदाय के अधिक से अधिक उम्मीदवारों को टिकट दिलाने के प्रयास में जुट गए हैं। इसी क्रम में फरवरी से अगस्त तक कुल 15 रैलियों का आयोजन किया जाएगा। जिनका उद्देश्य समाज को एकजुट करना है।
मछुआरा-पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक अधिकार महासम्मेलन
सबका विकास महासंघ, बिंद बेलदार विकास एवं सामाजिक सेवा संस्थान और फिशरमैन चैरिटेबल फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में मछुआरा, अतिपिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों को लेकर 16 फरवरी को गांधी मैदान में एक महासम्मेलन आयोजित किया जाएगा। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गणेश कुमार बिंद ने बताया कि इस रैली के जरिए सरकार के सामने कुछ मांगें रखी जाएंगी। जिसमें मछुआरा एवं अतिपिछड़ा वर्ग की अत्यंत पिछड़ी जातियों को आरक्षण देना। आरक्षण कोटा बढ़ाना एवं समृद्ध जातियों को अतिपिछड़ा वर्ग की सूची से हटाना। भूमिहीन विस्थापित परिवारों को जमीन देकर घर बनाने की सुविधा देना और परंपरागत मछुआरों की सूची जारी करना शामिल है।
19 फरवरी को कुर्मी एकता रैली
पटेल छात्रावास निर्माण ट्रस्ट, छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती के अवसर पर 19 फरवरी को मिलर हाईस्कूल मैदान में कुर्मी एकता रैली का आयोजन करेगा। इस रैली में कुर्मी समाज की विधानसभा और लोकसभा में भागीदारी को लेकर चर्चा होगी। संयोजक एवं विधायक कृष्ण कुमार मंटू पटेल ने बताया कि कुर्मी उपजातियों में बढ़ रही दूरियों को कम करने के लिए यह रैली आयोजित की जा रही है। इस रैली में भी सरकार के सामने कुछ मांगें रखी जाएंगी। जिसमें पटना गंगा पथ स्थित दीघा गोलंबर पर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा की स्थापना। पटना-गया-डोभी मार्ग का नामकरण छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर करना। प्रत्येक जिला मुख्यालय में पटेल छात्रावास का निर्माण। वीरचंद पटेल पथ में शिवाजी महाराज की मूर्ति लगाना। समाज के प्रत्येक गांव में पुस्तकालय की स्थापना। फणीश्वरनाथ रेणु को भारत रत्न से सम्मानित करना और बेतिया समाहरणालय चौक पर सरदार पटेल की मूर्ति स्थापित करना शामिल है।
18 अप्रैल को विश्वकर्मा महारैली
भारतीय विश्वकर्मा महासंघ 18 अप्रैल को गांधी मैदान में विश्वकर्मा महारैली का आयोजन करेगा। इसके प्रचार-प्रसार के लिए पहले ही विश्वकर्मा रथयात्रा निकाली जा चुकी है। महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकुल आनंद ने कहा कि समाज के खिलाफ षड्यंत्र के तहत शोषण किया जा रहा है और सत्ता में बैठे लोग विश्वकर्मा समाज को कमजोर समझते हैं। उन्होंने बताया कि इस मानसिकता को बदलने और समाज के हक एवं अधिकारों की आवाज बुलंद करने के लिए महासंघ ने आंदोलन छेड़ने का निर्णय लिया है। अप्रैल में लाखों लोगों की भीड़ गांधी मैदान में इकट्ठी कर सरकार तक अपनी मांगें पहुंचाई जाएंगी।