बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

बिहार के शिक्षकों के लिए खुशखबरी! 2650 करोड़ रुपये का वेतन और पेंशन भुगतान मंजूर

बिहार के शिक्षकों के लिए खुशखबरी! 2650 करोड़ रुपये का वेतन और पेंशन भुगतान मंजूर

बिहार के शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी परंपरागत विश्वविद्यालयों में कार्यरत और सेवानिवृत्त शिक्षक तथा शिक्षकेत्तर कर्मियों के लिए जुलाई 2024 से फरवरी 2025 तक के वेतन और पेंशन के भुगतान हेतु 2650.17 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। इसके साथ ही, शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों के शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मियों के वेतन और पेंशन के लिए राशि जारी करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार, अगले एक-दो दिन में इस संबंध में सभी आवश्यक कार्यवाही पूरी कर ली जाएगी। विश्वविद्यालयों के कर्मचारियों को पिछले तीन माह से वेतन का इंतजार है, जबकि रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए पेंशन भी लंबित है।


राशि का वितरण

आधिकारिक जानकारी के अनुसार, जुलाई से फरवरी तक के वेतन, मानदेय और पेंशन भुगतान के लिए विभिन्न विश्वविद्यालयों को निम्नलिखित राशि स्वीकृत की गई है:

  • पटना विश्वविद्यालय: 179.55 करोड़ रुपये
  • मगध विश्वविद्यालय: 389.80 करोड़ रुपये
  • बीआरए बिहार विश्वविद्यालय: 376.66 करोड़ रुपये
  • जय प्रकाश विश्वविद्यालय: 152.18 करोड़ रुपये
  • वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय: 208.35 करोड़ रुपये
  • बी एन मंडल विश्वविद्यालय: 174.11 करोड़ रुपये
  • तिलकामांझी विश्वविद्यालय: 189.86 करोड़ रुपये
  • ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय: 389.81 करोड़ रुपये
  • केएसडीएस विश्वविद्यालय: 195.21 करोड़ रुपये
  • मौलाना मजहरूल हक अरबी-फारसी विश्वविद्यालय: 7.37 करोड़ रुपये
  • पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय: 257.26 करोड़ रुपये
  • पूर्णियां विश्वविद्यालय: 68.99 करोड़ रुपये
  • मुंगेर विश्वविद्यालय: 61.03 करोड़ रुपये

इस प्रकार, वेतनादि मद में 1134.89 करोड़ रुपये और सेवांत लाभ मद में 1515.48 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। इसमें अतिथि शिक्षकों के मानदेय के लिए 140.68 करोड़ रुपये की राशि भी शामिल है।


महंगाई भत्ते की गणना

शिक्षा विभाग ने इस आशय की जानकारी बिहार महालेखाकार को भी अवगत करा दी है। उल्लेखनीय है कि वेतनादि और अतिथि शिक्षकों के लिए स्वीकृत राशि की गणना विश्वविद्यालय से वेतनादि मद और गैर वेतनादि मद में प्राप्त बजट की समीक्षा के बाद की गई है, जिसमें महंगाई भत्ता 50 प्रतिशत के हिसाब से शामिल किया गया है। यह निर्णय राज्य के शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मियों के लिए एक महत्वपूर्ण राहत लेकर आया है। लंबित वेतन और पेंशन का भुगतान समय पर होने से न केवल इन कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि इससे शिक्षण संस्थानों में कार्यरत कर्मियों का मनोबल भी बढ़ेगा। शिक्षा विभाग की यह पहल निश्चित रूप से शिक्षा के क्षेत्र में एक सकारात्मक बदलाव की ओर इशारा करती है

Editor's Picks