PATNA : पटना हाईकोर्ट ने बिहार में चल रहे भूमि सर्वे के बीच जमाबंदी रैयत को लेकर अहम फैसला दिया है। हाईकोर्ट ने एक मामले में फैसला सुनाते हुए कहा है कि जिस जमीन पर रैयत की जमाबंदी कायम है, उस पर बिहार लोक भूमि अतिक्रमण कानून के तहत मुकदमा चलाना कानून गलत है। यह फैसला हाई कोर्ट के जस्टिस मोहित कुमार शाह की एकलपीठ ने सुनाया। वह प्रेमचंद्र झा की रिट याचिका पर सुनवाई पर कर रहे थे। हाईकोर्ट का यह फैसला सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
ये मामला मधुबनी जिले के बेनीपट्टी प्रखंड के मानपुर, गैबीपुर मौजा से जुड़ा हुआ है। याचिकाकर्ता की जमीन पर बेनीपट्टी के अंचलाधिकारी ने अतिक्रमण केस नंबर 4 /2024-25 चलाते हुए नोटिस जारी किया था। याचिकाकर्ता के वकील जितेंद्र किशोर वर्मा ने कोर्ट के समक्ष दलील दी की उक्त अतिक्रमण वाद की कार्यवाही, याचिकाकर्ता के पक्ष में जमाबंदी कायम रहने तक नहीं शुरू की जानी चाहिए थी, इसलिए अतिक्रमण वाद की कार्यवाही को रद्द की जानी चाहिए।
कोर्ट का कहना था कि इस मामले में राज्य सरकार ने भी याचिकाकर्ता के पक्ष में जमाबंदी कायम रहने की बात से इनकार नहीं किया है। इसलिए, अतिक्रमण की कार्यवाही व्यर्थ है।
लगान वसूलते हैं तो वह जमीन सरकारी कैसे
वकील ने बताया कि यह जमीन खातियानी है। उसके पूर्वज के नाम से जमीन की जमाबंदी कायम है। बिहार सरकार उस जमीन का लगान भी वसूलती है। ऐसे में वह जमीन सरकारी कैसे हो सकती है।