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राजनीति में धन का बढ़ता दबदबा: जानें महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनाव 2024 कैसा रहा अमीर और गरीब उम्मीदवारों का हाल

विधानसभा चुनाव 2024 में महाराष्ट्र और झारखंड के परिणामों ने राजनीति में धन और साधनों की अहमियत को उजागर किया। जानें कैसे अमीर उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की और गरीब उम्मीदवार पीछे रह गए।"

राजनीति में धन का बढ़ता दबदबा: जानें महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनाव 2024  कैसा रहा अमीर और गरीब उम्मीदवारों का हाल
महाराष्ट्र-झारखंड में अमीर-गरीब उम्मीदवारों का हाल- फोटो : freepik

Jharkhand-Maharashtra Election Result 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में बीजेपी के धनी प्रत्याशियों ने अपनी सफलता के झंडे गाड़े। इन चुनावों में आर्थिक रूप से सक्षम उम्मीदवारों ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि धन और साधनों का राजनीति में कितना प्रभाव है।

विजयी अमीर उम्मीदवार:

पारस शाह (घाटकोपर पूर्व):

संपत्ति: ₹3,383 करोड़

जीत का अंतर: 34,000 वोट

बीजेपी के इस उम्मीदवार ने विपक्षी उम्मीदवारों को बड़े अंतर से हराया।

प्रशांत ठाकुर (पनवेल):

संपत्ति: ₹475 करोड़

जीत का अंतर: 51,000 वोट

धन और प्रभाव के साथ जीतने का यह एक और उदाहरण रहा।

मंगल प्रभात लोढ़ा (मालाबार हिल):

संपत्ति: ₹447 करोड़

जीत का अंतर: 68,000 वोट

इस सीट पर चुनावी मुकाबला धनबल के पक्ष में निर्णायक साबित हुआ।

गरीब उम्मीदवारों का संघर्ष:

इसके विपरीत, महाराष्ट्र में आर्थिक रूप से कमजोर प्रत्याशियों को बुरी हार का सामना करना पड़ा।

अजय भोजराज मंडपे: केवल 55 वोट

विजय मनोहर श्रीवास: 48 वोट

अल्ताफ खजामीया सैयद: 248 वोट

यह आंकड़े दिखाते हैं कि संपत्ति के अभाव में उम्मीदवार जनता के बीच अपनी पहचान नहीं बना सके।

झारखंड: धन और साधनों के बावजूद हार

महाराष्ट्र के विपरीत झारखंड में नतीजे कुछ अलग रहे। यहां न केवल सबसे अमीर बल्कि सबसे गरीब उम्मीदवार भी चुनाव हार गए।

अमीर उम्मीदवारों का प्रदर्शन:

अकिल अख्तर (पाकुड़):

संपत्ति: ₹402 करोड़

वोट: हार

निरंजन राय (धनवार):

संपत्ति: ₹137 करोड़

वोट: 1,153

कंडोमानी भुमिज (पोटका):

संपत्ति: ₹80 करोड़

वोट: 284

गरीब उम्मीदवारों की स्थिति:

राजेश्वर महतो (सिली):

संपत्ति: ₹100

हार का अंतर: 23,000 वोट

जितेंद्र उरांव (खिजरी):

संपत्ति: ₹2,500

वोट: 485

सुशील टोपनो (सिसई):

संपत्ति: ₹7,000

वोट: 1,377

झारखंड में इन आंकड़ों ने दिखाया कि न तो केवल धनबल और न ही न्यूनतम संसाधन चुनाव जीतने के लिए पर्याप्त हैं।

राजनीति में धनबल का बढ़ता प्रभाव

इन नतीजों से स्पष्ट होता है कि राजनीति में धन और साधनों का महत्व बढ़ता जा रहा है। महाराष्ट्र में अमीर उम्मीदवारों की जीत ने यह संदेश दिया कि आर्थिक संसाधन वोटरों को प्रभावित करने में अहम भूमिका निभाते हैं। झारखंड में हालांकि यह सिद्ध हुआ कि केवल धन ही सफलता की गारंटी नहीं देता।

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