पटना हाईकोर्ट से हरी झंडी के बाद बिहार बन गया मॉडल, पूरे देश में जातीय जनगणना कराने की मांग

BHAGALPUR : पटना हाईकोर्ट ने नीतीश सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट बिहार में जाति आधारित सर्वे को हरी झंडी दे दी है. कोर्ट ने इसे सर्वे की तरह कराने की मंजूरी दे दी है। जल्दी ही बिहार सरकार फिर से जातीय जन-जनगणना शुरू करवाएगी. वहीं में जातीय गणना पर रोक लगाने वाली सभी याचिकाओं को खारिज किए जाने के हाईकोर्ट के फैसले  का युवा राजद के प्रदेश प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी अरुण कुमार यादव ने  स्वागत करते हुए कहा कि पटना उच्च न्यायालय का यह निर्णय बिहार के बहुसंख्यक पिछड़ी और गरीब आबादी के लिए मिल का पत्थर साबित होगा. 

यादव ने कहा कि पटना उच्च न्यायालय के इस निर्णय के बाद बिहार सरकार द्वारा राज्य में कराए जा रहे जातीय गणना का रास्ता साफ हो गया. वहीं जातीय गणना विरोधी भाजपा के मुंह पर करारा तमाचा लगा है.भाजपा पर प्रहार करते हुए का युवा राजद के प्रदेश प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी अरुण कुमार यादव ने कहा कि बीजेपी कभी नहीं चाहती है कि अंतिम पायदान पर खड़े लोगों को उनका वाज़िब हक मिले.उन्होमें कहा कि  जाति आधारित सर्वे से बहुसंख्यक आबादी और गरीब आबादी का शैक्षणिक, आर्थिक स्थिति सहित कई तरह के आंकड़े सरकार के पास होंगे.यादव ने कहा कि इससे  बहुसंख्यक आबादी और अंतिम पायदान में खड़े लोगों के विकास के लिए सरकार को योजना बनाने में मदद मिलेगी.

 युवा राजद के प्रदेश प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी अरुण कुमार यादव ने कहा कि केंद्र सरकार से मांग किया कि केंद्र सरकार पूरे देश मे जातीय गणना कराए, जिससे बहुसंख्यक आबादी और गरीब आबादी का वास्तविक स्थिति क्या है, सबके सामने आ सके।

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  बता दें  मंगलवार को पटना हाईकोर्ट ने सीएम नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी . कोर्ट ने इसे सर्वे की तरह कराने की मंजूरी दे दी है. वहीं जल्दी ही बिहार सरकार फिर से जातीय जन-जनगणना शुरू करवाएगी. वहीं हाईकोर्ट के आदेश के बाद बिहार सरकार ने फिर से जाति जनगणना शुरू कराने का एक आदेश जारी किया है. आदेश में लिखा है कि हाईकोर्ट के फैसले के बाद सभी जिलों के डीएम को जाति आधारित गणना फिर से शुरू करने के दिशा-निर्देश दिया जाता है.