सीबीआई ने अभिनेता विशाल द्वारा लगाए गए आरोपों पर तीन लोगों और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के एक अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। विशाल ने आरोप लगाया था कि उन्हें उनकी फिल्म ‘मार्क एंटनी’ के लिए प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए 6.5 लाख रुपये का भुगतान करना पड़ा। प्राथमिकी में नामित आरोपी व्यक्तियों के परिसर सहित मुंबई में 4 स्थानों पर छापेमारी के बाद यह कार्रवाई हुई है। सीबीआई ने मर्लिन मेनगा, जीजा रामदास, राजन एम और सीबीएफसी के एक अज्ञात लोक सेवक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।
अशोक पंडित ने कहा कि भारतीय फिल्म एंड टेलीविजन डायरेक्टर्स एसोसिएशन की ओर से प्रसून जोशी को चिट्ठी लिखकर मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि जिन लोगों को पैसे दिए गए हैं वे सेंसर बोर्ड के कर्मचारी नहीं हैं इसलिए जिसे भी पैसे दिए गए हैं उसकी जांच होनी चाहिए.
इससे पहले सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर मामले की जांच की घोषणा की. मंत्रालय ने पोस्ट में लिखा, 'सीबीएफसी में भ्रष्टाचार का मुद्दा बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है जिसे विशाल ने उठाया है. सरकार भ्रष्टाचार बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करती है और इसमें शामिल पाए गए किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी को जांच करने के लिए मुंबई भेजा गया है.