JAMUI : जमुई सदर अस्पताल अपने लापरवाही को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहता है और इसी कड़ी में इन दिनों सदर अस्पताल के इमरजेंसी में लगातार इमरजेंसी के स्टाक से कई जीवन रक्षक दवाइयां गायब रह रही हैं। जिस वजह से चिकित्सक को मरीजों के उपचार करने में परेशानी हो रही है। कई बार इसकी शिकायत करने के बावजूद नियमित रूप से इमरजेंसी में दवा का उपलब्ध नहीं रहना बड़ी लापरवाही को दर्शाता है और ऐसा क्यों नही माना जाए कि जो जिम्मेदार है. वहीं लापरवाह बने हुए हैं।
ऐसा ही एक मामला सोमवार की देर रात सामने आया जहां झाझा रेल पुलिस के द्वारा बेहोशी की हालत में एक यात्री को सदर अस्पताल लाया गया था। जिसे यूरिन बैग लगाने और कंवर्सन कंट्रोल करने के लिए इप्सोलिन इंजेक्शन के साथ गैस की सुई देने के लिए चिकित्सक ने स्वास्थ्य कर्मियों को कहा लेकिन ये सारी दवाइयां इमरजेंसी के स्टाक में उपलब्ध नहीं थी। नतीजतन स्वास्थ्य कर्मी ने यूरीन बैग की जगह स्प्राइट की बोतल को लगा दिया साथ ही इप्सोलिन इंजेक्शन और गैस की सुई नहीं दी गई। जिस वजह से रात भर मरीज बेड पर ही बेहोशी अवस्था में छटपटाता रहा।
जब अस्पताल प्रबंधक को देर रात फोन किया गया तो उन्होंने फोन भी उठाना मुनासिब नहीं समझा। जब उन्हें इस बात की जानकारी मंगलवार की अहले सुबह हुई तो आनन-फानन में यूरोबैग सहित अन्य आवश्यक दवाइयों की पूर्ति कराई गई। इससे पूर्व भी इमरजेंसी का हाल कमोबेश इसी तरह रहा है। कभी टेटवेक कभी एनएस और आरएल सलाइन तो कभी एंटी वेनम की सुई सहित कई दवाइयां स्टाक से दिन और रातभर गायब रहती थी। कई बार मरीज को इन सारी दवाइयों को बाहर से खरीद कर लाना पड़ता था।
वहीं अस्पताल प्रबंधक रमेश पांडे ने कहा कि यूरिन बैग नहीं थी और जो इंचार्ज है उसको फिजिकल प्रॉब्लम है जिसके कारण ऐसा हुआ है। हमको सूचना मिली तुरंत व्यवस्था करा कर लगवा दिया गया है। यूरिन बैग के जगह बोतल लगाना कहीं न कहीं बड़ी लापरवाही को दर्शाता है और हमलोग इसपर अविलंब कार्रवाई करेंगे और जो भी इमरजेंसी में दवा की कमी है उसे पूरा किया जाएगा।