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आनंद मोहन त्याग के लिए ही तो जाने जाते हैं, आन पर आई बात तो बेटे को विधायकी से भी इस्तीफा दिलवा सकते हैं..कौन सी बड़ी बात है ?

आनंद मोहन त्याग के लिए ही तो जाने जाते हैं, आन पर आई बात तो बेटे को विधायकी से भी इस्तीफा दिलवा सकते हैं..कौन सी बड़ी बात है ?

PATNA:  बाहुबली पूर्व सांसद आनंद मोहन को लेकर बिहार की राजनीति गरम है. कहा जा रहा कि राजद सांसद मनोज झा प्रकरण के बाद RJD में वे कमजोर पड़ते दिख रहे हैं. एक चर्चा यह भी है कि अब आनंद मोहन सीएम नीतीश कुमार के नजदीक जा रहे हैं. मुख्यमंत्री भी इसी महीने आनंद मोहन के गांव जा रहे हैं. क्या आनंद मोहन व उनके बेटे जेडीयू में शामिल होंगे... क्या अपने बेटे और पत्नी के लिए लोकसभा की दो सीटें मांग रहे ? इस पर तरह-तरह की राजनीतिक चर्चा जारी है. इधर,जन सुराज से जुड़े नेता ने कहा है कि आनंद मोहन समाज में त्याग के लिए जाने जाते हैं. आन पर आ पड़ी तो वे अपने बेटे जो राजद विधायक हैं उनसे इस्तीफा भी दिलवा सकते हैं. उके लिए विधायिकी छोटी सी बात है. वे तो समाज के लिए फ्रेंड्स ऑफ आनंद के समर्पित कार्यकर्ताओं के लिए टिकट मांग रहे.

जन सुराज अभियान समिति के पूर्वी चंपारण जिला के संयोजक सह शिवहर के पूर्व सांसद स्व. सीताराम सिंह के पुत्र राणा रंजीत सिंह ने कहा है कि आनंद मोहन बहुत मजबूत आदमी हैं. समाज के बहुत मजबूत नेता है. वे किसी पार्टी के बंधुआ नहीं हैं. वे अलग पार्टी बनाकर भी चुनाव लड़ सकते हैं. इसमें कौन सी बड़ी बात है. उन्होंने समाज के लिए बहुत त्याग किया है. समाज की सहानुभूति उनके प्रति है. समाज भी इनके पीछे पूरी तरह से खड़ा है. 12 साल जेल में रहे हैं..बड़ी कुर्बानी दी है.

उन्होंने कहा कि राजपूत जहां भी रहता है बहुत प्रभाव रहता है. चूंकि यह समाज सब लोगों की मदद करता है, सुख-दुख में हमेशा साथ खड़ा रहता है. अब आनंद मोहन बाहर हैं, इससे समाज को और मजबूती मिलेगी. नीतीश कुमार कहते हैं कि ना फंसाते हैं और न बचाते हैं, अब सिद्धांत से हटकर नीतीश कुमार ने उनको मदद किया है. राजनीति में एक दूसरे को मदद भी मिलती है.

पूछा गया कि आनंद मोहन के बेटे राजद के विधायक हैं...इस पर कहा कि इस्तीफा दे देंगे, कौन सी बड़ी बात है .इस्तीफा दे देंगे विधायक. आनंद मोहन ने समाज के लिए त्याग किया है. यहां एक विधायक क्या है, 10 विधायक जीता सकते हैं. आनंद मोहन जी को जानते नहीं है क्या, वह जो ठानते हैं, वही करते हैं .अपने बेटे को विधायकी के पद से इस्तीफा करवा देंगे. दोबारा विधायक सांसद बन जाएंगे. आनंद मोहन जी लोकसभा का टिकट मांग रहे हैं परिवार के लिए ऐसा नहीं है ,वे फ्रेंड्स ऑफ आनंद के लिए टिकट मांग रहे हैं. न बेटे के लिए टिकट मांग रहे और ना पत्नी के लिए . उनके साथ जो लोग खड़े हैं, फ्रेंड्स ऑफ आनंद के बैनर तले जो लोग खड़े उनके लिए टिकट मांग रहे हैं. बेटा उनका विधायकी त्याग देगा, कोई बड़ी बात नहीं. वे हमेशा त्याग करते रहे हैं. विस चुनाव में भी वे एक टिकट अपने बेटे को देना चाह रहे थे और एक फ्रेंड्स ऑफ आनंद के कार्यकर्ता को. चूंकि वह जेल में थे इसलिए ऐसा नहीं हो पाया था. वह त्याग करने के लिए ही जाने जाते हैं.

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