DESK: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी मामले में एक बार फिर मुस्लिम पक्ष को झटका दे दिया है। कोर्ट ने ज्ञानवापी के तहखाने में पूजा पर रोक से इनकार कर दिया है। दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट में शुक्रवार को वाराणसी कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली ज्ञानवापी मस्जिद समिति की याचिका पर सुनवाई की। वाराणसी कोर्ट के आदेश में हिंदू पक्षों को मस्जिद के दक्षिणी तहखाने में पूजा करने की अनुमति दी गई थी।
वहीं मुस्लिम पक्ष ने इस आदेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। लेकिन अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी को हाईकोर्ट से कोई फौरी राहत नहीं मिली है। हाईकोर्ट का कहना है कि जब तक 17 जनवरी के आदेश को चुनौती नहीं दी जाती, कुछ नहीं किया जा सकता। अदालत ने स्थगन आवेदन भी खारिज कर दिया और मसाजिद समिति को 6 फरवरी तक अपनी अपील में संशोधन करने को कहा। अब अगली सुनवाई छह फरवरी को दोपहर दो बजे होगी।
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि मस्जिद पक्ष पहले 17 जनवरी 2024 के आदेश को चुनौती दे। इस आदेश से जिलाधिकारी वाराणसी को रिसीवर नियुक्त किया गया है। इस आदेश पर जिलाधिकारी ने 23 जनवरी को ज्ञानवापी परिसर अपने कब्जे में ले लिया है। उसके बाद जिला जज ने 31 जनवरी के अंतरिम आदेश से काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को पुजारी के माध्यम से ज्ञानवापी तहखाने में पूजा करने की अनुमति दी है।
अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने 31 जनवरी की स्थिति बहाल करने की मांग की है। मस्जिद पक्ष ने सवाल उठाया था कि कोर्ट ने 7 दिन का समय दिया था फिर 24 घंटे में पूजा क्यों शुरू कर दी गई। साथ ही कहा कि जिला जज ने अपने ही आदेश के विपरीत अंतरिम आदेश देकर वस्तुत: वाद स्वीकार कर लिया है, जो न्यायोचित नहीं है। फिलहाल इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी के तहखाने में पूजा पर रोक से इनकार कर दिया है।