DESK : लोकसभा चुनाव के समय से ही इंडिया गठबंधन ने तमाम नेता सत्तारूढ़ दल भाजपा पर आरक्षण खत्म करने का आरोप लगाते रहते है। ऐसे में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अमेरिका में एक ऐसा बयान दिया जिससे राजनीतिक हल्के में खलबली मचा हुआ है। दरसअल राहुल गांधी ने अमेरिका में कहा था कि जब भारत में समानता आ जाएगी उस समय हम भारत में आरक्षण खत्म करने के बारे में सोचेंगे। लेकिन भारत में अभी समानता नहीं है। राहुल के इस बयान के बाद एनडीए के तमाम नेताओं ने राहुल पर जमकर निशाना साधा । इसी कड़ी में मोदी सरकार में राज्यमंत्री और अपना दल पार्टी के अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर जोरदार हमला बोला है। अनुप्रिया ने कहा कि अनुप्रिया पटेल ने कहा कि आखिर दिल की बात जुबां पर आ ही गई है। अनुप्रिया ने बताया कि नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि समय आने पर कांग्रेस आरक्षण खत्म कर देगी।
भीख नहीं है आरक्षण
उन्होंने कहा आरक्षण भीख नहीं बल्कि वंचित वर्ग का संवैधानिक अधिकार है। जब तक समाज में असमानता कायम है, जाति के आधार पर भेदभाव कायम है, तब तक यह व्यवस्था कायम रहेगी। वंचित वर्ग को आरक्षण कांग्रेस ने नहीं संविधान ने दिया है। आरक्षण खत्म करना तो दूर कोई इससे छेड़छाड़ करने की भी हिमाकत नहीं कर सकता है। कांग्रेस नेता को ये नहीं भी भूलना चाहिए कि पीएम मोदी के नेतृत्व में बहुप्रतीक्षित केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय, सैनिक स्कूल और नीट की परीक्षा में पिछड़े वर्ग को आरक्षण देने का ऐतिहासिक काम हमारी सरकार द्वारा किया जा चुका है।
लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने बोला था झूठ
साथ ही साथ केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया । उन्होंने कहा कि अनुप्रिया पटेल ने कहा कि ये वही राहुल गांधी हैं जिन्होंने पूरे लोकसभा चुनाव के दौरान आरक्षण और संविधान खत्म करने का झूठा भ्रम फैलाया था। इस भ्रम को फैलाने में इंडी गठबंधन के सहयोगी दलों ने उनका साथ दिया था। केंद्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि सच्चाई यही है कि सामाजिक न्याय कांग्रेस के डीएनए में ही नहीं है। इस पार्टी का डीएनए ही सामाजिक न्याय विरोधी है।
उन्होंने आगे कहा कि 6 दशक तक सत्ता में रहने वाली कांग्रेस पार्टी जातीय जनगणना तक नहीं करा पाई है और ना ही ओबीसी को आरक्षण का हक दिया गया। इससे संबंधित दो-दो रिपोर्टों को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। यूपीए सरकार नीट में ओबीसी का कोटा खा गई है। जिसमें PDA की बात करने वाली सपा ने उसका साथ दिया था। ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के लिए सोचने तक की जहमत नहीं उठाई गई।
बता दें लोकसभा चुनाव के समय भाजपा को कई प्रत्याशीयोें ने संविधान बदलने की बात कही थी । इसको लेकर इंडिया गठबंधन के तमाम नेताओं पूरे लोकसभा चुनाव के समय भाजपा पर आरक्षण हटाने का आरोप लगाया था ।
REPORT - RITIK KUMAR