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लोकसभा चुनाव में बिहार कांग्रेस का अनोखा ‘भंवरजाल’, टिकट के लिए जुगाड़ लगाते रह गए पप्पू यादव, 9 में से 3 बाहरी और 4 नेता पुत्रों को बना दिया उम्मीदवार

लोकसभा चुनाव में बिहार कांग्रेस का अनोखा ‘भंवरजाल’, टिकट के लिए जुगाड़ लगाते रह गए पप्पू यादव, 9 में से 3 बाहरी और 4 नेता पुत्रों को बना दिया उम्मीदवार

PATNA: लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज है। पहले चरण के मतदान खत्म होने के बाद अब दूसरे चरण के मतदान के लिए भी चुनावी प्रचार प्रसार खत्म हो चुका है। वहीं बीते कुछ दिन पहले ही कांग्रेस ने अपने नौ सीटों पर उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है। उम्मीदवारों के नाम तय करने के लिए कांग्रेस में लंबे समय के लिए माथापच्ची चली। वहीं टिकट बंटावारे के बाद अब कांग्रेस अदंरुनी कलह से जूझ रही है। कांग्रेस ने जिन उम्मीदवारों को टिकट दिया है। उससे पार्टी के अंदर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। वहीं पप्पू यादव भी पूर्णिया से कांग्रेस की टिकट लेने की पूरी कोशिश में थे। इसके लिए उन्होंने अपनी पार्टी का विलय भी कांग्रेस में करा लिया, लेकिन राजद ने पूर्णिया लोकसभा सीट अपने पास रखते हुए वहां से बीमा भारती को उम्मीदवार बना दिया, जिसके बाद पप्पू यादव ने पूर्णिया से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का फैसला ले लिया।

बिहार कांग्रेस का अनोखा ‘भंवरजाल’

दरअसल, कांग्रेस ने बिहार में जिन नेताओं को उम्मीदवार बनाया है उनमें से 3 बाहरी नेता है वहीं 4 उम्मीदवार ऐसे ही जिनके माता-पिता राजनीति से ताल्लुख रखते हैं। वहीं 2 नेता ही सिर्फ ऐसे हैं जो कांग्रेस से जुड़े हुए हैं। इस कारण पार्टी में कलह शुरू हो गया है। मालूम हो कि, बिहार की 40 लोकसभा सीटों पर महागठबंधन में हुए सीट बंटवारे के तहत राजद के खाते में 23, कांग्रेस को 9 लेफ्ट को 5 तो वहीं वीआईपी को 3 सीट मिली है। 

प्रदेश नेताओं में दिख रही नाराजगी 

कांग्रेस अपने खाते में आई 9 सीटों के टिकटों का जैसे ही बंटवारा किया तो पार्टी के अंदर ही सवाल उठने लगे। उम्मीदवारों को लेकर प्रदेश नेताओं में नाराजगी देखने को मिल रही है। कांग्रेस ने अंशुल अविजित को पटना साहिब से उम्मीदवार बनाया है। जो पूर्व लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार के बेटे हैं। मीराकुमार 2004 और 2009 में खुद सासाराम से लोकसभा सांसद रहे हैं। अब सासाराम एससी के लिए आरक्षित हैं। वहीं सन्नी हजारी को कांग्रेस ने समस्तीपुर से उम्मीदवार बनाया है। सन्नी हजारी माहेश्वर हजारी के पुत्र है। वहीं माहेश्वर हजारी नीतीश कुमार की सरकार में  सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री हैं और खुद भी कल्याणपुर से विधायक हैं। यानि पिता जेडीयू में हैं तो बेटे को कांग्रेस से टिकट दिलवा दिया।

नेता पुत्रों को मिला टिकट

वहीं सन्नी को टिकट देने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने खुलकर विरोध करते हुए कहा है कि जेडीयू के मंत्री के बेटे को टिकट देने से हमारा मजाक उड़ रहा है इसलिए टिकट पर फिर से विचार किया जाना चाहिए। साथ ही अजय निषाद को मुजफ्फरपुर से टिकट दिया गया है। अजय निषाद चुनाव से ठीक पहले बीजेपी से कांग्रेस में शामिल हुए थे। उनके पिता दिवंगत कैप्टन जयनारायण निषाद केंद्र में मत्री रहे थे। अजय निषाद मुजफ्फरपुर से दो बार सांसद रह चुके हैं। कांग्रेस ने महाराजगंज से आकाश प्रसाद सिंह को टिकट दिया है। आकाश प्रसाद सिंह बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह के बेटे हैं। आकाश ने 2019 में उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा उम्मीदवार के तौर पर मोतिहारी से चुनाव लड़ा था लेकिन जीत नसीब नहीं हो सकी थी। वहीं दूसरे दलों से आए नेताओं को भी कांग्रेस ने टिकट दिया है। जिसमें मनोज कुमार को सासाराम से टिकट दिया गया है। वह मायावती की बहुजन समाज पार्टी से कांग्रेस में आए हैं। 

सिर्फ 2 सीटों पर पार्टी कैडर

जबकि अजीत शर्मा को कांग्रेस ने भागलपुर टिकट दिया है जो बसपा के टिकट पर 2009 में चुनाव लड़ा था। बाद में वह कांग्रेस में शामिल हो गए। फिलहाल वह भागलपुर से विधायक हैं। वहीं तारिक अनवर की बात करें तो उन्होंने ही शरद पवार के साथ मिलकर एनसीपी बनाई थी और वह कटिहार से एनसीपी सांसद रह चुके हैं। जिन्हें कांग्रेस ने कटिहार से टिकट दिया है। ऐसे में अब केवल दो सीट किशनगंज और पश्चिम चंपारण पर ही कांग्रेस ने पार्टी कैडर को उतारा है। पश्चिमी चंपारण से  मनोज मोहन तिवारी को अपना उम्मीदवार बनाया है जिनके सामने बीजेपी के संजय जायसवाल हैं। कांग्रेस ने 2015 में उन्हें बेतिया मझौलिया से विधायकी का टिकट दिया और उन्होंने बिहार सरकारी की मंत्री रही रेणु देवी को हरा दिया था। वहीं किशनगंज से कांग्रेस ने डॉ.मोहम्मद जावेद को अपना उम्मीदवार बनाया है, जिन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में 2019 में जेडीयू के सैयद महमूद अशरफ को शिकस्त दी थी। पिछले लोकसभा चुनाव में 40 सीट में से महागठबंधन केवल एक ही सीट जीत पाई थी जो किशनगंज की थी।   

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