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यहीं है सियासत ! बिहार को विशेष राज्य के दर्जा की मांग को लेकर पलटे जीतनराम मांझी, पहले मांग का किया समर्थन, अब बताया चुनावी स्टंट...

यहीं है सियासत ! बिहार को विशेष राज्य के दर्जा की मांग को लेकर पलटे जीतनराम मांझी, पहले मांग का किया समर्थन, अब बताया चुनावी स्टंट...

PATNA: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन दिनों एक्शन मोड पर है। नीतीश कुमार के एक बाद एक कई बड़े फैसले ले रहे हैं। बिहार सरकार ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले राज्य में नई आरक्षण व्यवस्था लागू कर दी है। साथ ही इसे संविधान के अनुच्छेद 31 (ख) की 9वीं अनुसूची में शामिल करने के लिए ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भी भेजा गया है। मालूम हो कि, बुधवार (22 नवंबर) को हुई कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया। वहीं नीतीश कुमार के द्वारा किए जा रहा विशेष राज्य की मांग पर विपक्ष के जोर दार निशाना साध रही है। भाजपा ने कहा कि, चुनाव के ठीक पहले ही नीतीश कुमार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाना याद आता है। नीतीश कुमार पिछले 18 सालों से सीएम के पद पर हैं, लेकिन वह अब तक बिहार में कोई विकास नहीं कर पाए हैं और जब चुनाव आता है तो वह विशेष राज्य की दर्जा का मांग करने लगते हैं। 

वहीं अब नीतीश सरकार पर पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने भी निशाना साधा है। मांझी ने गुरुवार को अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर नीतीश कुमार पर तंज कसा है। मांझी ने विशेष राज्य के दर्जा की मांग को चुनावी डिमांड करार दिया है। जीतन राम मांझी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, "बिहार को अलग 'देश' का दर्जा देने की मांग कर सकते हैं नीतीश कुमार? अब यही सुनना बाकी रह गया है. हद है. जब पहले ही नीति आयोग ने साफ कर दिया है कि देश के किसी भी राज्य को विशेष दर्जा नहीं मिल सकता तो फिर 'चुनावी' विशेष राज्य की डिमांड काहे का?"

गौरतलब हो कि,एक वक्त था जब जीतनराम मांझी खुद बिहार को विशेष राज्य की दर्जा दिलाने की मांग किया करते थे। जीतनराम मांझी तब सीएम नीतीश की तारीफ करते नहीं थकते थे और बिहार की विकास के लिए विशेष राज्य का दर्जा मिलना जरूरी बताते थे। 5 जून 2021 को पूर्व सीएम ने बकायदा सोशल मीडिया पर पोस्ट कर विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की सीएम के मांग को दुहराय़ा था। उन्हें तब कहा था कि, कम संसाधनों के बावजूद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के बदतर क़ानून व्यवस्था और बेहाल शिक्षा महकमे को दुरुस्त करने में अपनी पूरी ताक़त लगा दी है। अब आधारभूत संरचना को ठीक करने के लिए विशेष राज्य के दर्जे की ज़रूरत है। डबल इंजन की सरकार में विशेष दर्जा नहीं मिला तो कभी नहीं मिलेगा। 

हालाँकि अब महागठबंधन से अलग होने के बाद पूर्व सीएम जीतनराम मांझी अपने ही बयान से पलट गए हैं। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग को चुनावी स्टंट बता रहे हैं। शायद यहीं सियासत है। यहां साथ जब तक, बात तब तक।

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