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संसद में जिस अग्निवीर का जिक्र कर राहुल गांधी ने योजना पर उठाए थे सवाल, देश के पहले अग्निवीर शहीद के पिता ने बता दिया क्या है मुआवजे की सच्चाई

संसद में जिस अग्निवीर का जिक्र कर राहुल गांधी ने योजना पर उठाए थे सवाल, देश के पहले अग्निवीर शहीद के पिता ने बता दिया क्या है मुआवजे की सच्चाई

NEW DELHI : संसद में कल राहुल गांधी ने अपने दो घंटे के भाषण में अग्निवीर योजना में मारे गए जवानों को शहीद का दर्जा नहीं मिलने और उनके परिवार को कोई मुआवजा नहीं मिलने की बात कही थी। साथ ही उनकी तुलना ऐसे मजदूरों से की थी, जिन्हें इस्तेमाल करने के बाद छोड़ दिया जाता है। राहुल गांधी के इस बयान का संसद में ही रक्षा मंत्री ने विरोध जताया था और कहा था हर मृतक के परिवार को एक करोड़ का मुआवजा दिया जाता है। अब इस पूरे मामले में राहुल गांधी ने मारे गए  अग्निवीर का जिक्र किया था, उनमें एक के पिता भी सामने आए हैं और उन्होंने राहुल गांधी के बयान में कितनी सच्चाई है, इसको लेकर भी सबकुछ बता दिया है।



पिछले साल ड्यूटी के दौरान शहीद हुए महाराष्ट्र के अग्निवीर के परिवार ने कहा है कि उन्हें सरकार से 1.08 करोड़ रुपये की सहायता मिली है।  महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले के पिंपलगांव सराय के मूल निवासी अग्निवीर अक्षय गवते की 21 अक्टूबर, 2023 को सियाचिन में ड्यूटी के दौरान मृत्यु हो गई थी। 



सोमवार शाम यहां पत्रकारों से बात करते हुए उनके पिता लक्ष्मण गवते ने कहा कि अक्षय गवते की मृत्यु के बाद परिवार को उनके बीमा कवर के रूप में 48 लाख रुपये, केंद्र सरकार से 50 लाख रुपये और राज्य सरकार से 10 लाख रुपये मिलेंगे। पिता लक्ष्मण गवते अपने बेटे की मौत के बाद मिले मुआवजे के बारे में पत्रकारों के एक सवाल का जवाब दे रहे थे। उन्होंने अक्षय की बहन के लिए सरकारी नौकरी की भी मांग की।



बता दें कि लद्दाख के सियाचिन में तैनात भारतीय सेना के जवान गावते अक्षय लक्ष्मण लाइन ऑफ ड्यूटी पर तैनाती के दौरान शहीद होने वाले पहले अग्निवीर हैं. सेना के लेह स्थित फायर एंड फ्यूरी कोर ने रविवार को बताया कि सियाचिन में ड्यूटी के दौरान एक अग्निवीर लक्ष्मण शहीद हुए हैं. सेना ने  शहीद गावते अक्षय लक्ष्मण के निधन पर शोक व्यक्त किया है और बताया है कि कैसे उनके परिवार को 1 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि मिलेगी



आपको मालूम हो कि 14 जून, 2022 को घोषित अग्निपथ योजना में साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष की आयु वर्ग के युवाओं को केवल चार वर्षों के लिए भर्ती करने का प्रावधान है, जिसमें से 25 प्रतिशत को 15 और वर्षों के लिए बनाए रखने का प्रावधान है। सरकार ने उस वर्ष बाद में ऊपरी आयु सीमा बढ़ाकर 23 वर्ष कर दी।


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