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BIHAR NEWS : चिटफंड कंपनी ने लोगों को होम ट्यूटर बनाने का दिया लालच, करोड़ों रूपये लेकर हुई फरार

BIHAR NEWS : चिटफंड कंपनी ने लोगों को होम ट्यूटर बनाने का दिया लालच, करोड़ों रूपये लेकर हुई फरार

AURANGABAD : अंबा में जेएसयू इंडिया एजुकेशन एंड सोशल सर्विसेज नाम की एक चिटफंड कंपनी द्वारा लोगों से करोड़ों रुपए का ठगी करने का मामला सामने आया है। चिटफंड कंपनी द्वारा घर बैठे महिलाओं को होम ट्यूटर बनाने का झांसा दिया गया। जिसके बाद घर बैठे लाखों रुपए कमाने के नाम पर लोग ठगी के शिकार हो गए। कंपनी द्वारा सैकड़ों लोगों से लगभग 4 करोड रुपए ठगे जाने की बात सामने आ रही है। कुटुंबा प्रखंड के अलावा अन्य जिलों के लोग भी घर बैठे मोटी कमाई के लालच में इस संस्था से जुड़े और ठगी का शिकार हो गए। उक्त चिटफंड कंपनी द्वारा प्रखंड से लेकर जिला तक कार्यालय खोला गया था। तीन-चार दिन पूर्व अचानक सभी कार्यालयों में ताला बंद हो गया। इसके बाद इस कंपनी में नौकरी के नाम पर पैसा जमा करने वाले लोगों की नींद खुली। गुरुवार को अंबा में ठगी के शिकार हुए लोगों ने कार्यालय के समक्ष हंगामा किया तथा कार्यालय में ताला जड़ दिया और कर्मियों पर कार्रवाई की मांग की। महिलाएं ठगी के इस खेल में सबसे अधिक शिकार हुई हैं। सीएसपी चलाने वाली रघौलीया गांव की ललिता देवी ने दर्जनों लोगों को कंपनी से जुड़वाया। उसने कंपनी के नुमाइंदे मोहम्मद सलीम अंसारी तथा आतिफ रजा के अकाउंट में 2 लाख जमा किया था। अब उनका मोबाइल बंद है। इसी प्रकार गया जिले के गुरारू प्रखंड के बहवलपुर गांव के राकेश कुमार की पत्नी मुन्नी कुमारी ने 2 लाख रुपए जमा किया था। ननंद को भी संस्था से जोड़ा। 


यूनेस्को से जुड़ी संस्था बताकर लोगों को लगाया चूना

चिटफंड कंपनी के नुमाइंदो ने जेएसयू इंडिया एजुकेशन एंड सोशल सर्विसेज कंपनी को यूनेस्को से जुड़े होने की बात कर लोगों को चूना लगाया। शुरुआती दौर में कंपनी से जुड़े लोगों ने कई जगह पर मीटिंग आयोजित कर लोगों को समझाया कि यह कंपनी यूनेस्को से जुड़ी है तथा शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई है। कंपनी के नियम के अनुसार लोगों को सदस्यता के लिए 4 हजार रुपए जमा करना पड़ता था। कंपनी की सदस्यता ग्रहण करने के बाद उन्हें होम ट्यूटर घोषित कर दिया जाता था और घर बैठे ही दो बच्चों को पढ़ाने पर प्रतिमाह 750 रुपए मिलता था। इसी प्रकार फील्ड ऑफिसर के लिए कंपनी में 10 हजार रुपए जमा कराना पड़ता था। फील्ड ऑफिसर को कंपनी द्वारा प्रतिमाह 35 हजार रुपए के लोगों को जोड़ने पर इंसेंटिव भी मिलता था। 

लगातार जुड़ते गए लोग 

बताया जा रहा है की 2 माह तक तो सब कुछ ठीक-ठाक चला। इसके बाद कंपनी के अधिकारियों ने लोगों का फोन उठाना बंद कर दिया। अधिक पैसा कमाने के चक्कर में कई लोगों ने कर्ज लेकर इस कंपनी में रुपए जमा किया तथा आईडी खुलवाया। शुरुआती दिनों में कंपनी द्वारा जब लोगों के खाते में वादे के अनुसार राशि भेजा जाने लगा तो उनकी लालच बढ़ती गई और वे अपने लोगों को जोड़ते चले गए। अन्य लोगों ने भी इस कथित योजना के संबंध में सुना तो इससे जुड़े। अब जब कार्यालय में ताला लटक गया तो लोग जुड़वाने वाले फील्ड ऑफिसर को पकड़ने लगे और कार्रवाई की मांग की है। अंबा में अलग-अलग स्थानों पर जेएसयू इंडिया एजुकेशन एंड सोशल सर्विसेज नाम से चार कार्यालय संचालित हो रहे थे। सबसे अधिक लोग अंबा औरंगाबाद मेन रोड कार्यालय से जुड़े थे। दसौती के सलीम अंसारी द्वारा संचालित कार्यालय से सैकड़ों लोग जुड़े थे। उदयगंज के जुल्फिकार और शाहीद रजा द्वारा नबीनगर रोड में कार्यालय चलाया जा रहा था। दसौती के नवाब रजा ने थाना सामने कार्यालय खोला था। अब सबमे ताले जड़े है।

औरंगाबाद से दीनानाथ मौआर की रिपोर्ट 

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