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नीतीश जी,आपके राज में DM के बजाए SDO हीं जारी कर दे रहे अंतर राज्यीय पास ! क्या अन्य VIP भी कर चुके हैं इस तरह का खेल?

नीतीश जी,आपके राज में DM के बजाए SDO हीं जारी कर दे रहे अंतर राज्यीय पास ! क्या अन्य VIP भी कर चुके हैं इस तरह का खेल?

PATNA: बिहार में लॉक डाउन की वजह से कोटा में फंसे छात्रों को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का स्टैंड,फिर सत्ताधारी विधायक के बेटे के लिए स्पेशल पास जारी किए जाने के बाद नीतीश सरकार की भारी किरकिरी हुई है।यूं कहें कि एक बार फिर से सीएम नीतीश अपनी हीं बुने जाल में फंस गए हैं।सीएम नीतीश सिर्फ कहते रहे और वीआईपी अपने बच्चों को कोटा से लेकर बिहार पहुंच गए। जानकार बताते हैं कि सिर्फ भाजपा विधायक अनिल सिंह का हीं मसला नहीं है बल्कि अब तक 30 से अधिक वीआईपी जिसमें नेता से लेकर अधिकारी हैं वे सीएम नीतीश को ठेंगा दिखाते हुए अपने बच्चों को कोटा से वापस लाए हैं।

नीतीश राज में वीआईपी को स्पेशल ट्रीटमेंट

सत्ताधारी विधायक को वीआईपी ट्रीटमेंट और आमलोगों के बच्चों के लिए बिहार बुलाने से इंकार के बाद सीएम नीतीश की भद्द पिट रही है. पूरे मामले में जेडीयू बैकफूट पर है।सत्ताधारी जेडीयू के नेता इस पर बोलने से बचते दिख रहे हैं। विपक्षी दलों ने सीएम नीतीश की नीति पर हीं सवाल खड़े कर दिए हैं और पूछा है कि  क्या आपके राज में आम और खास के लिए अलग-अलग नियम हैं?

जिलाधिकारी की बजाए एसडीओ ने हीं जारी किया पास

भाजपा विधायक अनिल सिंह को कोटा से बेटा को लाने के लिए पास जारी होने की खबर के बाद एक और बड़ा खुलासा हुआ है।दरअसल विधायक को सदर एसडीओ नवादा की तरफ से कोटा जाने और आने के लिए 16 से 25 अप्रैल तक के लिए अंतर राज्यीय पास जारी किया ।सरकार की तरफ से जो गाईडलाइन जारी किया गया है उससे यह आदेश सही नहीं प्रतीत होता।अंतर राज्यीय पास जिलाधिकारी के आर्डर से जारी होता है।बिहार सरकार की तरफ से पास जारी करने का जो गाइडलाइन जारी किया गया है उसमें एसडीओ को जिला के भीतर के लिए हीं पास जारी करने का अधिकार है।लेकिन नवादा के सदर एसडीओ ने हीं अंतर राज्यीय पास जारी कर दिया।

सुशासन पर बड़ा सवाल

अब बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि क्या सीएम नीतीश के अधिकारियों को नियम कानून से मतलब नहीं? क्या ऐसे अधिकारी सिर्फ आम लोंगों के लिए कानून की बात करते हैं?क्या पास जारी करने के लिए एसडीओ पर उपरी दबाब था? अब पूरे मसले पर नीतीश सरकार को सफाई देने की जरूरत है कि आखिर किस परिस्थिति और किस दबाव में आकर एसडीओ स्तर से हीं विधायक के लिए अंतरराज्यीय पास जारी किया गया। 

नीतीश जी कहते रह गए और उन्हीं के अधिकारी ने दे दिया परमिशन

सीएम नीतीश अपनी बात पर अड़े हैं कि कोटा में फंसे छात्रों को नहीं बुलाया जाएगा।छात्रों को वापस बुलाने की मांग को मुख्यमंत्री पूरे तौर पर खारिज कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि अगर ऐसा होगा तो फिर लॉक डाउन का क्या मतलब? इतना हीं नहीं सीएम नीतीश कुमार यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा कोटा में फंसे छात्रों को बुलाने पर आपत्ति उठा चुके हैं।लेकिन अब बड़ा सवाल यही खड़ा हो गया है कि जो बड़े लोग हैं उन लोगों को प्रशासन कोटा में फंसे बच्चों को लाने के लिए अनुमति दे रहा है तो फिर छोटे लोगों के प्रति सरकार का वैर क्यों है?

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहते रह गए और बीजेपी के विधायक ने बजाप्ता बिहार सरकार से परमिशन लेकर कोटा में फंसे अपने बेटे को लेकर वापस पटना पहुंच गए हैं. हिसुआ से भाजपा विधायक अनिल सिंह लॉक डाउन में नवादा जिला प्रशासन की अनुमति से अपने बेटे और उसके दोस्त को वापस लेकर पटना आए हैं .

मनोज झा का सीधा आरोप

बता दें कि राजद सांसद मनोज झा भी इस तरह के सवाल खड़े किए हैं।उन्होंने कहा है कि पटना के वीआईपी जोन के 30-40 खास लोगों ने अपने बच्चों को कोटा से वापस बुलाया है।आखिर खास लोगों के लिए विशेष व्यवस्था और आम लोगों के बच्चों को कोटा से बुलाने पर एतराज?

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