DESK: गया- औरंगाबाद के सीमावर्ती इलाके डुमरिया थाना क्षेत्र के मोनवार गांव में मुठभेड़ के दौरान मारे गए चार खूंखार नक्सलियों का बदला लेने के लिए भाकपा माओवादी संगठन की गतिविधियां बढ़ गई है. इस घटना के विरोध में नक्सलियों ने 2 दिवसीय बंद का ऐलान किया है. यह बंद दक्षिण बिहार और पश्चिमी झारखंड में प्रभावी रहेगा. नक्सलियों द्वारा बुलाए इस बंद को लेकर पुलिस- प्रशासन अलर्ट मोड पर है.
24 और 25 मार्च को बुलाए गए बंद के बाद औरंगाबाद में हाई अलर्ट घोषित किया गया है. नक्सलियों की अराजक गतिविधि पर लगाम लगाने के लिए कोबरा, सीआरपीएफ, एसएसबी, एसटीएफ व जिला पुलिस के जवानों को लगाया गया है. खासकर बिहार- झारखंड के सीमावर्ती इलाकों में विशेष सतर्कता बरती जाएगी. पुलिस सूत्रों से इनपुट मिला है कि नक्सली कभी भी पुलिस पार्टी पर हमला कर सकते हैं या ग्रामीण इलाकों में तबाही मचा सकते हैं.
बंद का ये एलान भाकपा माओवादी बिहार-झाखण्ड रीजनल कमिटी ने किया है. इस बंद का एलान करने के पीछे की मुख्य वजह गया में मुठभेड़ में 4 नक्सलियों के मारा जाना है. गया जिले के डुमरिया के जंगलों में नक्सलियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हुई थी. इस एनकाउंटर में चार हार्डकोर नक्सली मारे गए थे. केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ने घटनास्थल से चार नक्सलियों के शव समेत तीन एके 47 राइफल और एक इंसास रायफल बरामद किया था.
पुलिस पदाधिकारियों ने नक्सल प्रभावित गांव के ग्रामीणों से अपील करते हुए कहा है कि वे नक्सल समस्या का अंत करने में पुलिस का सहयोग करें. जो भी लोग समाज से भटक गये हैं, वे समाज के मुख्यधारा से जुड़ कर राज्य व देश की तरक्की में भूमिका निभाएं. इस मामले में भाकपा माओवादी रीजनल कमेटी के प्रवक्ता मानस ने बताया है कि फर्जी मुठभेड़ के नाम पर संगठन के चार साथियों को जहरखुरानी का शिकार बनाकर हत्या की गयी. घटना के विरोध में 48 घंटे का बंद बुलाया गया है. बंद के दौरान मेडिकल, हॉस्पिटल, एंबुलेंस, दूध, बाराती वाहन और प्रेस को मुक्त रखा गया है.