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धनकुबेर निकला डीटीओ: पटना DTO में भी करोड़ों का 'घोटाला' हुआ, दिखावे के लिए परिवहन विभाग ने अदना सा क्लर्क को सस्पेंड किया, बड़ी मछली पर मेहरबानी!

धनकुबेर निकला डीटीओ: पटना DTO में भी करोड़ों का 'घोटाला' हुआ, दिखावे के लिए परिवहन विभाग ने अदना सा क्लर्क को सस्पेंड किया, बड़ी मछली पर मेहरबानी!

PATNA मुजफ्फरपुर- छपरा के जिला परिवहन पदाधिकारी के आवास पर आज निगरानी ब्यूरो की छापेमारी हुई। निगरानी विभाग ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में  छपरा डीटीओ रजनीश लाल के पटना आवास,मुजफ्फपुर आवास पर छापेमारी की है। पटना के कंकड़बाग स्थित आवास से अब तक की छापेमारी में निगरानी विभाग ने तकरीबन 50 लाख रुपए कैश सहित बड़ी मात्रा में सोने चांदी के बिस्किट भी बरामद किया है। निगरानी ब्यूरो ने डीटीओ रजनीश लाल के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति 23/21 दर्ज कर छापेमारी शुरू की। पटना के कंकड़बाग स्थित सुमन कश्यप अपार्टमेंट व आशा डबल डायमंड अपार्टमेंट में निगरानी ब्यूरो ने छापेमारी की। वैसे डीटीओ दफ्तर में भ्रष्टाचार कोई नई बात नहीं। सरकार के नाक के नीचे पटना डीटीओ में करोड़ों का घोटाला हुआ। खुलासे के बाद जांच और कार्रवाई का दिखावा भी हुआ और एक अदना सा क्लर्क को सस्पेंड कर मामले को रफा-दफा करने की कोशिश भी हुई। लेकिन बड़ी मछली पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। 

बड़ी मछली पर कब होगी कार्रवाई?

जानकार बताते हैं कि कटघरे में खड़े अधिकारी को बचाने की पूरी सेटिंग है। एक तरह के आरोप में अदना सा क्लर्क को तो सस्पेंड किया गया लेकिन मुख्य साजिशकर्ता पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जिस पत्र से करोड़ों के घपले का खुलासा हुआ उसी पत्र में क्लर्क और तत्कालीन डीटीओ की भूमिका के बारे में स्पष्ट उल्लेख किया गया था। परिवहन विभाग ने माना भी की सरकारी राजस्व की बड़ी क्षति हुई है। इस जुर्म में लिपिक को तो सस्पेंड किया गया लेकिन तत्कालीन डीटीओ पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। कार्रवाई तो नहीं ही हुई इस पर अब परिवहन विभाग का कोई अधिकारी बोलने को तैयार नहीं होता।  


परिवहन आयुक्त ने किया था सस्पेंड

परिवहन विभाग ने पटना डीटीओ ऑफिस के तत्कालीन लिपिक अमित कुमार गौतम को 20 मार्च 2021 को निलंबित किया था। बिहार के परिवहन आयुक्त ने आदेश में कहा गया था कि पटना डीटीओ ऑफिस का तत्कालीन लिपिक अमित कुमार गौतम गलत तरीके से वाहनों को बैकलॉग एंट्री एवं निबंधन साथ ही साक्ष्य छुपाने के लिए वाहनों का ब्लैक लिस्ट करता था .गौतम के गलत ढंग से किए गए निबंधन के कारण सरकारी राजस्व की भारी क्षति हुई है. इनके विरुद्ध लगाए गए आरोप प्रथम दृष्टया प्रमाणित होते हैं. प्रमाणित आरोपों के लिए जांच समिति ने इन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए विभागीय कार्यवाही की अनुशंसा की थी। उक्त आलोक में अमित कुमार गौतम लिपिक जिला परिवहन कार्यालय भोजपुर को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है. इसके विरुद्ध  अलग से आरोप पत्र गठित कर विभागीय कार्यवाही का संचालन किया जाएगा. परिवहन आयुक्त ने अपने आदेश में कहा है कि पटना के डीटीओ ने 17 सितंबर 2020 को प्रतिवेदन भेजा था. जिसके बाद 19 सितंबर 2020 को जांच के लिए कमेटी की गठित की गई. कमेटी ने सभी आरोपों की जांच की. इस दौरान लिपिक से भी स्पष्टीकरण की मांग की गई। लेकिन उनका जवाब स्वीकार योग्य नहीं पाया गया। इसके बाद लिपिक को निलंबित किया गया है। 

17 सितंबर 2020 को भारी गड़बड़ी का हुआ था खुलासा

पटना के डीटीओ ने पत्रांक-3318 से 17 सितंबर 2020 को करोड़ों के घोटाले से पर्दा उठाया था । अधिकारी ने परिवहन कमिश्नर सीमा त्रिपाठी को इसके बारे में सबूत के साथ तीन पन्नों की रिपोर्ट दी थी। 17 सितंबर से लेकर 18 मार्च तक फाइल को गोपनीय रखा गया। जांच की गाड़ी कहां तक पहुंची यह बताने के लिए कोई तैयार नहीं था। बिहार परिवहन मंत्री शीला कुमारी भी इस बड़े गड़बड़ी के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होने से भौचक्के और आश्चर्य चकित थे. उन्होंने विस में न्यूज4नेशन से बातचीत में कहा था कि वे इस पूरे मामले को दिखवाते हैं। 6 महीने बाद परिवहन विभाग ने एक क्लर्क को सस्पेंड किया ।   

जानिए पूरा मामला

पटना के तत्कालीन डीटीओ-कर्मी की मिलीभगत से वाहन BS-4 वाहन का बिना सरकारी राजस्व के ही निबंधन और चोरी की गाड़ी का भी निबंधन किया गया था. इस कारनामें से सरकार को पचास करोड़ से अधिक के राजस्व की क्षति हुई थी। इसके साथ ही पटना के तत्कालीन डीटीओ अजय कुमार ठाकुर और कर्मी अमित कुमार गौतम पर कई अन्य आरोप लगे थे। वर्तमान डीटीओ ने 17 सितंबर 2020 को  अपनी रिपोर्ट परिवहन कमिश्नर को भेज दिया था,जिसमें पूरे मामले की जांच कराने और जिम्मेदार अधिकारी और कर्मी पर कार्रवाई करने का आग्रह किया गया था। डीटीओ के घोटाले वाले पत्र के बाद परिवहन कमिश्नर ने जांच के लिए कमेटी बनाई थी। तत्कालीन डीटीओ और कर्मी ने कई गुनाह किये लेकिन परिवहन विभाग के आलाधिकारी मौन साधे रहे। 

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