हैरान मत हों- बिहार के लोग सालाना खा जाते हैं 8 लाख टन मछली, सीएम नीतीश ने जारी किया आंकड़ा

पटना. बिहार में भले खाने पीने के कई शाकाहारी उत्पादों की भरमार हो लेकिन बिहार के लोग सबसे ज्यादा चाव से मछली खाते हैं. यह खुलासा हुआ है बिहार सरकार की एक रिपोर्ट में. दरअसल बिहार आर्थिक सर्वे 2021 -22 में नीतीश सरकार ने माना है कि बिहार के लोग मांसाहारी उत्पादों में मछली खूब दबा कर खाते हैं. बिहार में मछली की खपत सालाना करीब 8 लाख टन है.
बिहार आर्थिक सर्वे के अनुसार राज्य में मछली की सालाना खपत 8 लाख टन है. हालांकि मछली उत्पादन के मामले में बिहार तेजी से आत्मनिर्भर हो रहा है. बावजूद इसके राज्य में मछली उत्पादन खपत के मुकाबले कम है. मौजूदा दौर में राज्य में मछली उत्पादन खपत के मुकाबले एक लाख टन से ज्यादा कम है. वित्त वर्ष 2020-21 में राज्य में मछली का कुल उतपादन 6.83 लाख टन हुआ जो खपत के मुकाबले कम है. ऐसे में अभी भी राज्य को मछली के लिए अभी भी अन्य राज्यों से मछली मंगवाना पड़ता है.
हालांकि आंकड़े बताते हैं कि नीतीश कुमार के बिहार में मुख्यमंत्री बनने के बाद से राज्य में मछली उत्पादन तेजी से बढ़ा है. सीएम नीतीश के पिछले 15 साल के शासनकाल में राज्य में मछली उतपादन कई गुना बढ़ गया. पिछले 15 सालों में बिहार में मतस्य उत्पादन में जोरदार तेजी आई है. सरकारी आंकड़े के मुताबिक 2006 में बिहार में 2,7953 लाख टन मछली उत्पाद होता था. 2020-21 में यह 6,8317 लाख पहुंच चुका है यानि यह तेजी तीन गुना के करीब है.
सरकार का कहना है कि अगर बिहार 8 लाख टन मछली उत्पादन का लक्ष्य हासिल कर ले तो राज्य मछली के मामले में आत्मनिर्भर हो जाएगा. साथ ही अगले कुछ समय में ही बिहार देश का मछली निर्यातक राज्य हो जाएगा.