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धन-दौलत और सफलता के लिए अपनाएं यह 3 आदतें, कामयाबी के शिखर पर पहुंचने में मिलेगी मदद

धन-दौलत और सफलता के लिए अपनाएं यह 3 आदतें, कामयाबी के शिखर पर पहुंचने में मिलेगी मदद

DESK: रुपया-पैसा, धन-दौलत, एक ऐसी चीज जिसकी जरूरत इंसान को जीवनभर रहती है। आज के दौर में तो आलम यह है कि इंसान को सांस लेने के लिए रुपयों की जरूरत पड़ रही है। किसी भी व्यक्ति की रुपयों की जरूरत कभी खत्म नहीं होती। हालांकि एक सच्चाई यह भी है कि विश्व का एक बड़ा हिस्सा पर्याप्त धन की कमी से जूझता, संघर्ष करता है। कई बार तो संघर्ष जीवनभर चलता है।

कई बार हमारे कई सारे कार्य रुपयों की कमी की वजह से अटक जाते हैं। धन संचय के लिए कई विद्वानों ने कई सारी तरीकें और उपाय बताएं हैं। जिसको दिनचर्या में अपनाकर आप भी धन की कमी की समस्या से बच सकते हैं या कुछ हद तक निजात पा सकते हैं।

तीन  में छिपी है सफलता की कुंजी

बड़े-बुजुर्ग कहकर गए हैं कि किसी भी कार्य को पूरा करने के लिए आपके पास समय, श्रम और संसाधन का होना बेहद जरूरी है। इन तीनों का सही उपयोग ही किसी को भी सफलता की राह पर ले जाएगा। अगर आपके पास तीनों में से किसी भी एक चीज का अभाव है, तो कहीं ना कहीं आप औरों से पिछड़ जाएंगे। अधिक समय की बचत कर उसे रचनात्मक या अजीविका विस्तार में खर्च करना उपयोगी होगा। श्रम का सर्वोत्तम उपयोग आपके प्रदर्शन में निखार लाएगा और काम करने के लिए जरूरी संसाधनों को व्यर्थ गंवाने के बजाय बचत कर इस्तेमाल किया जाना आपकी अजीविका और आर्थिकी में वृद्धि करेगा।

बचत कर बनाते जाएं भविष्य की सीढ़ियां

हर वर्ग के धन अर्जित करने का तरीका अलग-अलग होता है, मगर धन संचय करने का तरीके में समरसता संभव है। बचत करने के कई तरीके हैं, सबसे पहले जरूरत और लालसाओं के बीच का फर्क समझना चाहिए। लालसाओं को काबू में रखकर जरूरतों की पूर्ति करना चाहिए। आगामी खर्च की प्लानिंग भी कुछ हद तक बचत में सहायता करेगी। 

रिस्क है तो इश्क है

कोरोनाकाल में हमें सबसे बड़ी सीख यही मिली है कि जीवन में भूचाल कभी भी और कहीं से भी आ सकता है। कोरोनाकाल में लोगों की जान बचाने में उनक पुरानी बचत ने ही साथ दिया है। इससे हमें बड़ी सीख लेनी चाहिए और आने वाले भविष्य को लेकर खर्चे नियमित करने चाहिए। इसके अलावा किसी भी नई कार्यों में प्रयास करने से पीछे नहीं हटना चाहिए, जहां आपकी क्षमता आपको ऐसा करने की इजाजत दे, यानी ऐसी योजनाओं या व्यवस्थाओं में धन, श्रम या समय के निवेश का रिस्क लें, जहां सफलता का प्रतिशत पूर्व के मामलों में 50 फीसदी से अधिक पाया गया हो। ऐसी युक्तियों से आपके पास भविष्य की जरूरतों के लिए धन, समय और संसाधन की कमी शायद ही आए।

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