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अन्नदाता को बनाया आतंकी: नीतीश सरकार की प्रताड़ना के खिलाफ और तेज हुआ आंदोलन, चिराग पासवान पहुंचे चौसा

अन्नदाता को बनाया आतंकी: नीतीश सरकार की प्रताड़ना के खिलाफ और तेज हुआ आंदोलन, चिराग पासवान पहुंचे चौसा

BUXER : चौसा के बनारपुर में किसानों पर पुलिसिया जुल्म की घटना के बाद बिहार में सरकार चला रहे नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव अंजान हों, लेकिन इस घटना के बाद अब किसानों के जख्मों पर मरहम लगाने के लिए राजनेताओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया है। जहां गुरूवार को सम्राट चौधरी सहित विपक्ष के कई लोग किसानों से मिलने पहुंचे थे। वहीं दूसरी तरफ केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे भी बनारपुर पहुंचे। अब चिराग पासवान ने भी किसानों पर हुए जुल्म की घटना के बाद चौसा पहुंचे और पीड़ितों से मिले।

किसानों पर हुए केस पर नाराज

चिराग पासवान ने कहा कि किसान अपने हक के लिए आंदोलन कर रहे थे। लेकिन नीतीश कुमार की पुलिस ने उन्हें आतंकी समझ लिया और घर में घुसकर न सिर्फ उन लोगों की पिटाई की, बल्कि महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चो पर भी लाठी बरसाई है। इतना होने के बाद भी बिहार के मुख्यमंत्री यह कहते हैं कि उन्हें इस घटना के बारे में कोई जानकारी ही नहीं है। चिराग ने कहा कि प्रशासन में बैठे लोग किसानों पर ही प्राथमिकी दर्ज कर रहे हैं। 

चिराग पासवान ने बक्सर की घटना पर बयान देते हुए कहा बक्सर की घटना जितनी निंदनीय है उतना ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का अमानवीय चेहरा दर्शाता है। सभी लोगों ने देखा किस तरीके से पुलिस में घर में घुसकर किसान परिवार के लोगों को बर्बरता से पीटने का काम किया, ना बच्चों को बख्शा ना महिलाओं को छोड़ा।

गौरतलब है कि एक साल पहले दिल्ली बॉर्डर पर अपने हक के लिए आंदोलन पर बैठे किसानों के खिलाफ जब केंद्र सरकार और भाजपा के लोग आतंकी कह रहे थे तो बिहार में आज सत्ता की कुर्सी पर बैठे लोग नाराजगी जाहिर करते हुए नजर आ रहे थे। आज कुर्सी मिलने के बाद वह पार्टी भी वही काम कर रही है, जो केंद्र सरकार ने किया था। किसानों को अपराधी बनाने का। 

दरअसल, दो दिन पहले जिस तरह से आधी रात को घर में घुसकर पुलिसवालों ने किसानों और उनके परिवार के लोगों को निशाना बनाकर उनपर लाठियां बरसाई। उसके बाद बिहार की पूरे देश में किरकिरी हो रही है। मुआवजे की मांग से शुरू हुए इस आंदोलन में पुलिसिया बर्बरता के बाद बुधवार को आक्रोशित ग्रामीणों ने एसवीएन के निर्माणाधीन एसजेवीएन थर्मल पावर प्लांट परिसर में खड़ी दर्जनों गाड़ियों में आग लगा दी। इस घटना के बाद जहां पुलिस ने संबंधित मुफ्फसिल थाने के सभी पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया। वहीं इसके बाद गुरुवार को जिला प्रशासन ने उन्हीं 39 किसानों के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया, जो भूमि अधिग्रहण की मांग को लेकर 86 दिन से धरने पर बैठे थे।

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