"हम" को राजनीति की दुकान कहने पर भड़के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी, कहा साबित करें ललन सिंह...

NALANDA : महागठबंधन से नाता तोड़ने के बाद बिहारशरीफ पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने अपने पुत्र संतोष सुमन मांझी के इस्तीफे पर अपना पूरा पक्ष रखा। उन्होनें कहा कि उनकी पार्टी को जदयू में मर्जर करने को कहा गया था। लेकिन जब मर्जर के लिए वे तैयार नहीं हुये तब उन्हें महागठबंधन से बाहर जाने को कहा गया। 

उन्होंने नीतीश कुमार के ऊपर सरकारी योजनाओं में बेफिजूल खर्च करने का भी आरोप लगाया। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के द्वारा हम पार्टी को छोटी दुकान कहने के ऊपर पलटवार करते हुए जीतन राम मांझी ने कहा की ललन सिंह पार्टी के बड़े लीडर हैं उनके मुंह से यह बातें शोभा नहीं देती है। उन्होंने ललन सिंह को खुली चुनौती देते हुए कहा कि ललन सिंह यह साबित करें की हमारी पार्टी छोटी है या बड़ी है। 

उन्होंने कहा कि दुकान चलाने का मतलब होता है खरीद-फरोख्त करना। जीतन राम मांझी ने कहा की 19 फरवरी 2015 को हमारे एक जेब में त्यागपत्र और दूसरे पॉकेट में एसेंबली भंग करने का लेटर था। अगर महत्वकांक्षी होता तो हम विधानसभा वाले लेटर को देकर असेंबली भंग कर देते और छह महीना मुख्यमंत्री और रहते। 

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उन्होंने कहा की यह चीज ललन सिंह को याद रखने की जरूरत है। इसके बाद वे बस मालिक अंजय कुमार के घर गये। जहाँ उन्होनें उनके इकलौते पुत्र आकर्ष का पटना में हुए हत्या पर सांत्वना देते हुए कहा कि परिवार को इंसाफ मिलना चाहिए। हम डीजीपी से मांग करते हैं कि इस हत्या की गुत्थी को सुलझाने के लिए सीआईटी का गठन किया गया है। उसमें सदर डीएसपी कोई हस्ताक्षेप नहीं करे। 

नालंदा से राज की रिपोर्ट