PATNA : जेल में बंद निलंबित आईपीएस आदित्य कुमार को पटना हाईकोर्ट ने फतेहपुर शराब कांड में बड़ी राहत देते हुए उनके विरुद्ध मामलें को खत्म किया। जस्टिस सत्यव्रत वर्मा ने आदित्य कुमार के विरुद्ध फतेहपुर शराब कांड में दायर प्राथमिकी को रद्द कर दिया।
इस मामले में आदित्य कुमार की ओर से पटना हाईकोर्ट में एक अपील दायर की गयी थी,जिस पर कल सुनवाई हुई।आज इस मामलें पर हाईकोर्ट का आदेश आया।
उल्लेखनीय है कि इसी शराब कांड मामलें को खत्म कराने के लिए आदित्य कुमार पर पटना हाईकोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस के नाम पर राज्य के पूर्व डी जी पी संजीव कुमार सिंघल को व्हाट्सअप काल करने का आरोप लगा था। इस मामलें पूर्व डी जी पी के बयान पर आर्थिक अपराध इकाई ने उनके विरुद्ध पिछले वर्ष एफआईआर दर्ज किया था।अग्रिम जमानत के लिए उन्होंने निचली अदालत, हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की,लेकिन कहीं से उन्हें राहत नहीं मिली।
5 दिसंबर को किया था सरेंडर
5 दिसंबर,2023 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पटना के कोर्ट के समक्ष उन्होंने आत्मसमर्पण किया।इसके बाद से वे पटना के बेउर जेल में बंद है।
उनके अधिवक्ता एसडी संजय ने बताया कि फतेहपुर शराब कांड की रिपोर्ट में पुलिस मुख्यालय की ओर से जो रिपोर्ट आया है,उसमें इसे मिस्टेक ऑफ लॉ कहा गया है।उसमें ये भी कहा गया कि उनके ऊपर कोई मामला नहीं बनता है।
उन्होंने बताया कि पुलिस की ओर से जो क्लोजर रिपोर्ट में प्रस्तुत किया गया,उसके आधार पर कोर्ट ने भी माना कि आदित्य कुमार के ऊपर इस मामलें में कोई केस नहीं बनता है। गौरतलब है कि इस मामलें में आदित्य कुमार को अग्रिम जमानत मिली हुई है।