NEW DELHI : आरबीआई ने मौद्रिक नीति की समीक्षा करते हुए रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में 0.25 फीसदी का इजाफा किया है। जिसके बाद रेपो रेट अब 6.5 फीसदी हो गयी है जबकि रिवर्स रेपो रेट 6.75 फीसदी हुई है। ब्याज दरों में हुई इस बढ़ोतरी का सीधा असर आपकी जेब पर पड़ेगा। रेपो रेट के बढ़ने से बैंकों से आपके लिए होम लोन और ऑटो लोन समेत अन्य कर्ज लेना महंगा साबित होगा। इसकी वजह से अब आपकी जेब पर ज्यादा ईएमआई का बोझ पड़ेगा। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने वित्त वर्ष 2019 की दूसरी तिमाही में महंगाई के 4.6 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है। वहीं, वित्त वर्ष 2020 की पहली तिमाही में इसके 5 फीसदी पर पहुंचने का अनुमान लगाया गया है।
आरबीआई गवर्नर ने बताया कि वित्त वर्ष 2020 की पहली तिमाही के लिए महंगाई का अनुमान पहली बार लगाया गया है। वहीं, एमपीसी ने कहा कि हाल के महीनों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बढ़ने का और घरेलू स्तर पर पूंजी बाजार की बेहतर स्थिततियों ने निवेश को बेहतर करने में मदद की है। केंद्रीय बैंक के डेप्यूटी गवर्नर विरल आचार्य ने कहा कि महंगाई पर एमएसपी का असर एक चुनौतिपूर्ण टास्क है। विरल आचार्य ने कहा कि वह रेजिडेंट्स के लिए फॉरेन एक्सचेंज डेरीवेटिव्ज की समीक्षा करेंगे और हेजिंग ट्रांजैक्शन को प्रोत्साहन देंगे।
बता दें कि इससे पहले जून में भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट की दरों में बढ़ोतरी की घोषणा की थी। आरबीआई ने इस दौरान 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की थी। रेपो रेट में हुई इस बढ़ोतरी के बाद रेपो रेट 6 फीसदी से बढ़कर 6.25%. फीसदी हो गया था। मोदी सरकार के 4 साल के कार्यकाल में यह पहली बार हुआ था, जब आरबीआई ने रेपो रेट की दरें बढ़ाईं।