मुजफ्फरपुर- दीक्षांत समारोह न होने से लगभग चार लाख छात्रों की डिग्री फंसी पड़ी है. इसके चलते उन्हें व्यावहारिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. बीआरएबीयू के दीक्षांत समारोह के कारण अटकी हुई है. बिहार विवि में साल 2020 के बाद दीक्षांत समारोह नहीं हुआ है.विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार दीक्षांत की तारीख राजभवन से आती है. दीक्षांत नहीं होने से छात्रों को मूल प्रमाण पत्र नहीं मिल रहा है,जिससे उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इससे परीक्षा उतीर्ण के बावजूद चार लाख छात्रों की डिग्री विश्वविद्यालय में ही फंसी हुई है.
स्थिति यह है कि दीक्षांत नहीं होने के कारण डिग्री के लिए विद्यार्थी आवेदन तो देते हैं लेकिन विश्वविद्यालय द्वारा डिग्री नहीं दी जा रही है. बीआरबीए में छात्र लगातार मूल प्रमाणपत्र के लिए आवेदन कर रहे हैं. विश्वविद्यालय में दो वर्ष के 116 टॉपर डिग्री के इंतजार में हैं. कई टॉपर तो मूल प्रमाण पत्र और मेडल के इंतजार में दूसरे विश्वविद्यालय में नामांकन करा चुके हैं. बता दें बिहार विवि में औपचारिक दीक्षांत समारोह वर्ष 2019 में हुआ था. इसके बाद दीक्षांत की डिम्ड तारीख राजभवन से नहीं आई.गोल्ड मेडल की इच्छा रखने वाले विद्यार्थियों ने बताया कि लगता है कि अभी और इंतजार करना पड़ेगा. इधर, दीक्षांत समारोह नहीं हो पाने से दर्जन भर से अधिक विद्यार्थियों को मूल डिग्री नहीं मिल पा रही है. ऐसे विद्यार्थी काफी चिंतित हैं. विद्यार्थियों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन से दीक्षांत समारोह कराकर मूल प्रमाण पत्र वितरित करने की गुहार लगाई है.
विवि के परीक्षा विभाग का कहना है कि दीक्षांत की डिम्ड तारीख के लिए राजभवन को विवि की तरफ से पत्र भेज दिया गया है. बीआरएबीयू के परीक्षा नियंत्रक का कहना है कि दिसंबर में दीक्षांत समारोह कर सभी छात्रों को डिग्री बांट देने की कोशिश है. विवि के अधिकारियों ने बताया कि नियम के अनुसार जब तक दीक्षांत नहीं होता, छात्रों को मूल प्रमाण पत्र नहीं दिये जाते हैं. वहीं बीआरबीयू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. शैलेंद्र चतुर्वेदी ने भी पिछले दिनों कहा था कि सत्र नियमित करने के बाद दीक्षांत समारोह कराया जाएगा.इस वर्ष अभी तक न तो इसकी तिथि की ही कोई घोषणा हुई है, न ही तिथि तय हो सकी है, ऐसे में छात्रों को अभी और भटकना पड़ सकता है.