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बिहार के कई जिलों में एल्बेंडाजोल खाने से सैकड़ों बच्चों की बिगड़ी तबियत, इलाज के लिए भेजे गए अस्पताल

बिहार के कई जिलों में एल्बेंडाजोल खाने से सैकड़ों बच्चों की बिगड़ी तबियत, इलाज के लिए भेजे गए अस्पताल

MUNGER : मुंगेर में आज से 27 फरवरी तक के लिए फाइलेरिया अभियान के तहत फाइलेरिया से बचाव के लिय फलेरियां एवम एल्बेंडाजोल खिलाने का अभियान स्वास्थ्य विभाग की ओर से शुरू किया गया है। जिसके तहत आशा वर्करों सहित विद्यालय के शिक्षकों के द्वारा स्कूलों में जाकर बच्चाें को दवा खिलाई गई। जिसके आधा घंटा के बाद बच्चों की तबियत खराब होने लगी। सभी बच्चों को उलटी , पेट में दर्द , मिचली आदि की शिकायत होने लगी। जिसके बाद आनन फानन में शिक्षकों और परिजनों के द्वारा बच्चों को सदर अस्पताल इलाज के लिए लाया जाने लगा। देखते ही देखते यह मामला जिले के कई स्कूलों में इस तरह का मामला आने लगा और 100 से अधिक बच्चे सदर अस्पताल में पहुंच गए। जिससे अफरा तफरी का माहौल बन गया। जिसके बाद सभी बच्चों का इलाज डॉक्टरों के द्वारा अस्पताल में किया जा रहा है। जहां सभी की हालत में सुधार है और कई बच्चे ठीक होकर घर जा चुके है। वहीं इस मामले में सदर अस्पताल के डीएस डॉ रमण ने बताया की घबराने कि कोई बात नही है 14 लाख लोगों को दवा खिलाई जानी है। आज स्कूल के बच्चों को खिलाई गई। जिसके थोड़े साइड इफेक्ट है पर सभी बच्चो के हालत में काफी सुधार है।

वहीँ सीतामढ़ी जिले में फाइलेरिया की दवा खाने से एक सरकारी विद्यालय के 50 बच्चों के बीमार पड़ने की सूचना है। हालाँकि अबतक 25 बच्चों को इलाज के लिए डुमरा पीएचसी लगाया गया। वही अन्य बच्चों को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां चिकित्सक बच्चे का इलाज कर रहे है। मामला डुमरा प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय जवाहिपुर का है। इधर बच्चों के बीमारी होने की सूचना पर जिला भीबीडी पदाधिकारी समेत शिक्षा विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंच जांच में जुट गए है। इधर बच्चों के बीमार पड़ने से परिजन आक्रोशित है। परिजनों का आरोप है की बच्चों को लगातार दवा खिलाने के कारण उनकी तबियत खराब हुई है। स्वास्थ्य विभाग को दवा खिलाने के लिए ट्रेंड आदमी रखना चाहिए था।

उधर अरवल जिले के सोनभद्र वंशी सूर्यपुर प्रखंड क्षेत्र के दनियाला मध्य विद्यालय एवं तुर्क तेलपा राजकीयकृत मध्य विद्यालय में फाइलेरिया की दवा खाने से  सरकारी स्कूल के कई बच्चों की तबीयत बिगड़ गयी। जहां सरकारी अभियान के तहत फाइलेरिया उन्मूलन के लिए बच्चों को दवा खिलायी जा रही थी। लोगों की शिकायत है कि दवा खाने के बाद राजकीय कृत मध्य विद्यालय तुर्क तेलपा में करीब एक दर्जन एवं मध्य विद्यालय दनियाला से आठ बच्चों की तबीयत बिगड़ गयी। जिससे स्कूल परिसर में अफरा तफरी का माहौल कायम हो गया। जिसके बाद प्रधानाध्यापक ने स्वास्थ्य विभाग को सूचना दी। उसके बाद सोनभद्र पीएचसी में तैनात स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों की टीम विद्यालय पहुँची और बच्चों को इलाज के लिए सोनभद्र पीएचसी अस्पताल लाया गया। वहीं अस्पताल में अभिभावक शिक्षक व दूसरे छात्रों की भीड़ जमा हो गई। दरअसल विद्यालय में सरकारी अभियान के तहत बच्चों को फाइलेरिया की दवा शनिवार को खिलाई जा रही थी। इसी बीच दवा का डोज लेते ही कुछ बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी। बच्चों के परिजन भी इसकी सूचना पर आनन-फानन में अस्पताल पहुंचे। परिजनों की शिकायत है कि बच्चे दवा खाते ही असजह महसूस करने लगे। कई बच्चों को सांस लेने में परेशानी महसूस होने लगी और वो जमीन पर ही अचेत होकर गिर पड़े। हालांकि बच्चों की तबीयत बिगड़ने की सूचना के बाद वंशी थाने एवं करपी थाने की  प्रशासन की टीम भी मौके पर पहुंची। बताया गया कि सरकारी अभियान के तहत फाइलेरिया की दो दवा खिलायी गयी थी। एलबेंडाजोल और डीईसी नाम की दो दवा सभी बच्चों को दी जा रही थी। वहीं बच्चों की तबीयत बिगड़ने की जानकारी मिली तो प्रशासन ने फौरन एंबुलेंस के जरिए बीमार बच्चों को सोनभद्र गांव स्थित पीएचसी अस्पताल भिजवाया। जहां बच्चों का इलाज कर हालत सामान्य होने पर घर भेज दिया गया।

वहीँ आज कृमि दिवस के अवसर पर भागलपुर जिला के मध्य विद्यालय उर्दू बाजार हिंदी नगर निगम के कई बच्चों को फाइलेरिया का दवाई खिलाया गया था। दवाई खिलाने के उपरांत ही थोड़ी देर में बच्चों के पेट में दर्द होने के कारण बेहोश होने का मामला प्रकाश में आया है। वही स्कूल प्रबंधक एवं जदयू के जिला प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी शिशुपाल भारती और वार्ड पार्षद के  द्वारा त्वरित  कार्रवाई करते हुए सदर अस्पताल प्रबंधक भागलपुर को त्वरित सूचना दिया गया।   वही अस्पताल प्रबंधक द्वारा आनन  फानन में सदर अस्पताल द्वारा  एंबुलेंस को घटना स्थल पर भेजा गया। जहां सभी बच्चों को बिठाकर सदर अस्पताल भागलपुर इलाज के लिए भेजा गया। इस घटना की जानकारी मिलते ही आसपास के बहुत सारे लोग विद्यालय में एकत्र हो गए। जहाँ स्थिति को देखते हुए स्थानीय पुलिस प्रशासन ततारपुर अपने दलबल के साथ विद्यालय परिसर पहुंचे। साथ ही साथ भागलपुर डीएसपी भी मौके वारदात पर पहुंचे। जिन्होंने लोगों को समझा बुझा शांत कराया। 

वहीँ गोपालगंज में फाइलेरिया और एल्बेंडाजोल की दवा खाने से तीन सरकारी विद्यालयों के ढाई सौ से ज्यादा बच्चे बीमार हो गये। बीमार बच्चों का पंचदेवरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज कराया गया। मामला पंचदेवरी प्रखंड के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय, मध्य विद्यालय भठवा और उत्क्रमित मध्य विद्यालय बगहवां का है। 

जबकि वैशाली जिले के पातेपुर थाना अंतर्गत उत्क्रमित मध्य विद्यालय बहादुरपुर चिकनौटा गांव में एल्बेंडाजोल दवा खाने से करीब दो दर्जन से अधिक बच्चे बीमार हो गए। परिवार वालों ने सभी बच्चों को इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पातेपुर में भर्ती कराया है। घटना के बाद पंचायत में अफरा तफरी मच गई है। फिलहाल सभी बच्चों का इलाज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पातेपुर में चल रहा है। बताया जाता है कि सभी बच्चों को सुबह में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा एल्बेंडाजोल दवा खिलाया गया था। दवा खिलाने के बाद अचानक सभी का तबीयत धीरे-धीरे खराब होने लगा। उसके बाद परिवार वालों ने सभी को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया।

कैमूर में भी सर्वजन दवा सेवन के द्वारा चलाया जा रहा अभियान के तहत अल्बेंडाजोल की दवा खाने से कई गांवो में अफरा तफरी मच गया है। अल्बेंडाजोल की दवा खाने से कई स्कूल के सैंकड़ो छात्र छात्राओं की हालात बिगड़ गई है। कोई बेहोश हुआ तो कोई वोमेटिंग से परेशान हो गया। सभी बच्चों का निजी अस्पताल और सरकारी अस्पताल में भर्ती कर इलाज कराया जा रहा है। मामला रामगढ़ एवं नुआंव सहित चैनपुर के सिरबिट गांव के विभिन्न विद्यालयों का है, जहाँ 25 से 30 बच्चों का इलाज किया जा रहा है। फिलहाल सभी स्वस्थ है जल्द ही घर जा सकेंगे।

मुंगेर से इम्तियाज़ खान, सीतामढ़ी से अविनाश, अरवल से कुंदन, भागलपुर से बालमुकुन्द, गोपालगंज से मनान अहमद, कैमूर से देवब्रत और वैशाली से ऋषभ की रिपोर्ट  

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