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भगवान हैं क्या के के पाठक जो नियोजित शिक्षकों को नौकरी ले लेंगे, अपर मुख्य सचिव पर जबर्दस्त भड़के जदयू MLC नीरज

भगवान हैं क्या के के पाठक जो नियोजित शिक्षकों को नौकरी ले लेंगे, अपर मुख्य सचिव पर जबर्दस्त भड़के जदयू MLC नीरज

पटना-बिहार के लाखों नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मचारी का दर्जा देने की तैयारी चल रही है. इसके लिए नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा देनी होगी. परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए शिक्षकों को तीन प्रयास मिलेंगे. राज्यकर्मी का दर्जा पाने के लिए नियोजित शिक्षकों का इस परीक्षा में बैठना अनिवार्य कर दिया गया है. वहीं, इस परीक्षा के तीन प्रयासों में भी उत्तीर्ण नहीं होने वाले शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर दी जाएंगी और उन्हें नौकरी से निकाल दिया जाएगा. दक्षता परीक्षा को लेकर केके पाठक की अध्यक्षता में गठित विभागीय समिति ने बैठक में यह निर्णय लिया था.बिहार के करीब चार लाख नियोजित शिक्षक सक्षमता परीक्षा का जोरदार विरोध कर रहे हैं. इसी बीच  शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके  केके पाठक की अध्यक्षता वाली समिति ने अनुशंसा की है कि तीन बार में सक्षमता परीक्षा पास नहीं करने वालों की नौकरी चली जाएगी.  इसका नियोजित शिक्षक जमकर विरोध कर रहे हैं. इसको लेकर नियोजित शिक्षक आंदोलन करने की तैयारी में जुट गए हैं. वहीं आंदोलनकारियों पर एक्शन लेने की शिक्षा विभाग ने भी तैयारी कर ली है इस बीच जदयू के प्रवक्ता नीरज ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव  केके पाठक पर करारा हमला किया है.  उन्होंने कहा है कि केके पाठक भगवान हैं क्या? जो नियोजित शिक्षकों की नौकरी ले लेंगे.

जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि अगर नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा लेना है तो सामान्य समक्षता परीक्षा में सफल होना होगा, इसमें कहां कोई आपत्ति है, लेकिन कोई नौकरी से कैसे निकाल देगा. नीरज ने  केके पाठक पर तल्ख रुख अपनाते हुए कहा कि पाठक के कहने से क्या होगा इस मामले में उनका कोई मूल्य नहीं है. वे अपर मुख्य सचिव है तो कोई भगवान है क्या? सरकार ने नौकरी दिया है और उस नियमावली में लिखा हुआ है जो नियोजित शिक्षक दक्षता परीक्षा पास नहीं करेंगे उनको नौकरी से नहीं निकाला जाएगा. उन्हें राज्य कर्मी का दर्जा आप नहीं दे सकते हैं लेकिन कोई नौकरी से कैसे निकाल सकते हैं. उसकी मर्जी होगी तो परीक्षा देगा उसकी मर्जी नहीं होगी तो परीक्षा नहीं देगा.पूर्व मंत्री नीरज ने अपर मुख्य सचिव केके पाठक के कई निर्णयों  पर आपत्ति जताते हुए कहा कि कई नियोजित शिक्षकों को नौकरी के 4 साल 5 साल बचे हुए ऐसे में वे फरमान कर रहे हैं कि 3 जिला का ऑप्शन दीजिए अब कोई एक जिला में है दूसरे जिले में जाएगा तो उसे इस्टैबलिस होने में 6 महीना लग जाएगा तो फिर बच्चों को क्या पढ़ाएंगे. ये कैसा न्याय कर रहे है, ये सब नहीं चलने वाला है.

बता दें सक्षमता परीक्षा के लेकर एक फरवरी को एक कमिटी का गठन शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की अध्यक्षता में किया गया था. जिसके बाद बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली 2023 के तहत सक्षमता परीक्षा से संबंधित इस विभागीय समिति की बैठक हुई. इसमें स्थानीय निकाय शिक्षक, जो सक्षमता परीक्षा में शामिल नहीं होते है या तीसरे प्रयास में भी परीक्षा पास होने में विफल होते हैं, उनके लिए विचार किया गया.

नियोजित शिक्षकों को चार मौके दिए जाएंगे. सक्षमता परीक्षा 26 फरवरी होगी. इसके बाद तीन और बार परीक्षा आयोजित होगी. जो शिक्षक इन चारों चरण में होने वाली परीक्षाओं में से तीन चरणों की परीक्षा में नहीं बैठते हैं अथवा तीन से कम चरणों में बैठते हैं अथवा तीन चरणों की परीक्षा में बैठने के बाद भी पास नहीं होते हैं, तो उन सभी स्थानीय निकाय शिक्षकों को नौकरी से हाथ धोना पड़ जाएगा.




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