मन की बात से हुआ जन आंदोलन का जन्म, पीएम मोदी ने 100वें एपिसोड पर कहा- यह जनता जनार्दन के चरणों में प्रसाद की थाल

पटना. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मन की बात का 100वां एपिसोड रविवार को देश भर में भव्यता से आयोजित किया गया. इसे विशेष बनाने के लिए कई प्रकार की तैयारी की गई. इसमें टीवी चैनलों, निजी रेडियो स्टेशनों और सामुदायिक रेडियो सहित एक हजार से अधिक प्लेटफॉर्म पर ब्रॉडकास्ट होने के साथ ही संयुक्त राष्ट्र के न्यूयॉर्क स्थित हेडक्वार्टर पर भी 100वां एपिसोड लाइव ब्रॉडकास्ट गया है. पीएम मोदी ने कहा, 3 अक्टूबर 2014 को विजया दशमी का वो पर्व था और हम सबने मिलकर विजया दशमी के दिन 'मन की बात' की यात्रा शुरू की थी। विजया दशमी यानी, बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व, ‘मन की बात’ भी देशवासियों की अच्छाइयों का सकारात्मकता का एक अनोखा पर्व बन गया है। एक ऐसा पर्व, जो हर महीने आता है, जिसका इंतजार हम सभी को होता है।

प्रधानमंत्री ने कहा, मन की बात कार्यक्रम नहीं, यह मेरे लिए आस्था,पूजा और व्रत है. जैसे लोग ईश्वर की पूजा करने जाते हैं तो प्रसाद की थाल लाते हैं. मन की बात ईश्वर रूपी जनता जनार्दन के चरणों में प्रसाद की थाल जैसे है. उन्होंने कहा, आपके पत्र पढ़ते हुए कई बार मैं भावुक हुआ, भावनाओं से भर गया, भावनाओं में बह गया और खुद को फिर संभाल भी लिया। आपने मुझे 'मन की बात' के 100वें एपिसोड पर बधाई दी है, लेकिन मैं सच्चे दिल से कहता हूं, दरअसल बधाई के पात्र तो आप सब 'मन की बात' के श्रोता हैं, हमारे देशवासी हैं।

कई बार यकीन नहीं होता कि 'मन की बात' को इतने महीने और इतने साल गुजर गए। हर एपिसोड अपने-आप में खास रहा। 'मन की बात' में पूरे देश के कोने-कोने से लोग जुड़े, हर आयु वर्ग के लोग जुड़े। आज देश में Tourism बहुत तेजी से Grow कर रहा है। हमारे ये प्राकृतिक संसाधन हों, नदियां, पहाड़, तालाब या फिर हमारे तीर्थ स्थल हों, उन्हें साफ़ रखना बहुत ज़रूरी है। ये Tourism Industry की बहुत मदद करेगा।

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बिहार सहित देश भर में मन की बात के इस विशेष कार्यक्रम के लिए खास तैयारी की गई. देश के सभी जिलों में अलग अगल स्तर पर आयोजन किया गया. लोगों ने एक साथ मन की बात को सामूहिक रूप से सुना.