‘चौबे’ से ‘छब्बे’ बनने के चक्कर में ‘दूबे’ भी नहीं बन पाएंगे जीतनराम मांझी, राजद के वरिष्ठ नेता ने मंत्री के इस्तीफे के बाद कसा तंज

PATNA: नीतीश कैबिनेट से जीतन राम मांझी के बेटे संतोष मांझी ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया। इसके बाद से ही बिहार के सियासत में भूचाल आ गया है। बयानबाजियों का दौर एक बार फिर शुरू हो गया है। इसी कड़ी में राजद के वरिष्ठ ने शिवानंद तिवारी ने कहा है कि, मंत्री मंडल से हटने के लिए इस्तीफ़ा किसको दिया जाता है यह जीतन बाबू ने सुमन को शायद नहीं बताया था। विजय कुमार चौधरी को इस्तीफ़ा देने का क्या मतलब था। इस उम्मीद में कि नीतीश कुमार मनावन करेंगे। लेकिन उल्टा हो गया। इस्तीफ़ा मंज़ूर हो गया।
शिवानंद तिवारी ने कहा कि, सुमन कह रहे हैं कि जदयू में ‘हम’ को विलीन करने के लिए कहा जा रहा था। हम के नेतृत्व से जबरन यह कोई कैसे करा सकता था। यह तो कहने की बातें हैं। जो कुछ हुआ उसकी पटकथा कहां और किसके द्वारा लिखी गई है। यह बात भी छीपी रहने वाली नहीं है। कहीं ऐसा नहीं हो कि जीतन बाबू ‘चौबे’ से ‘छब्बे’ बनने के चक्कर में ‘दूबे’ भी नहीं बन पाएं।
उन्होंने कहा कि, सुमन विधान सभा का चुनाव हारने के बाद राजद सुप्रीमो लालू यादव की कृपा से विधान परिषद के सदस्य हैं। उसी हैसियत से नीतीश मंत्रिमंडल के सदस्य थे। जीतन बाबू की बेचैनी की वजह दूसरी है। अभी गया में इनकी बेटी मेयर का चुनाव लड़ी थीं। शायद ज़मानत बचाने लायक़ वोट भी नहीं पा सकीं। अभी अभी दो तीन दिन पहले गया नगर निगम के उप चुनाव में इनके निकटस्थ को मात्र तेरह वोट मिल पाया।
शिवानंद ने कहा कि नीतीश कुमार की कृपा से मुख्यमंत्री बनने के बाद जीतन बाबू आसमान में पहुँच गए हैं। उनका उतावलापन रोज़ाना उनके अखबारी बयानों में नज़र आता है। लगता है कि अपने उतावले पन का शिकार उन्होंने अपनी दूसरी पीढ़ी को ही बना दिया है।