PATNA : बिहार सरकार ने संपूर्ण ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना और काम के बदले अनाज योजना
में हुई गड़बड़ी की जांच के लिए जस्टिस उदय सिन्हा न्यायिक जांच आयोग का गठन किया था। न्यायिक जांच
आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति उदय सिन्हा ने बुधवार को मुख्यमंत्री को अंतिम जांच
प्रतिवेदन सौंप दिया।
2001 से 2007 तक मजदूरों को उनकी मजदूरी में दिया जाने वाला अनाज नहीं बांटा था। ऑडिट जांच रिपोर्ट में जब ये बात सामने आयी तो सरकारी तंत्र् में खलबली मच गयी। संपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना और काम के बदले अनाज योजना में मजदूरों को मेहनताना के रूप में चावल देने का नियम था।
मिट्टी कटाई या मिट्टी भराई का काम करने पर मजदूरों को
अनाज दिया जाता था। लेकिन जनवितरण के डीलरों ने वर्ष 2002 से 2007 के बीच खाद्यान्न का उठाव तो
किया लेकिन उसे मजदूरों को दिया ही नहीं।
मजदूरों की हकमारी की जांच के लिए 2016 में इस जांच आयोग का
गठन किया गया था। कई बार इसका कार्यकाल बढ़ाया गया था।